देहरादून । उत्तराखंड में लगातार बारिश के कारण प्रदेश में सामान्य जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। प्रदेश के ज्यादातर स्थानों पर बारिश जारी रहने के कारण नदी-नाले उफान पर हैं और राष्ट्रीय राजमार्गों समेत अनेक मार्ग यातायात के लिए अवरूद्ध हो गए हैं जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हो रहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, पिथौरागढ़ जिले में गौरीगंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है, जबकि उधमसिंहनगर जिले में फीका बैराज में पानी का स्तर अधिकतम बाढ़ स्तर से ऊपर चला गया है। पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी और बंगापानी में गौरी गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि उधमसिंहनगर जिले के जसपुर में फीका बैराज अधिकतम जलस्तर को पार कर गया है। इनके जलस्तर में हो रही वृद्धि को देखकर संबंधित जिलों के जिलाधिकारयों को इस पर लगातार निगरानी रखने तथा पर्याप्त सावधानी बरतने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
उधर, चमौली जिले में भी भारी बारिश के चलते नदियां पूरे उफान पर है। जिले के थराली क्षेत्र में पिंडर और उसकी सहायक नदी प्राणमति का जल स्तर फिर बढ़ गया है जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। हालांकि, 13 अगस्त को बाढ़ जैसे हालात के मद्देनजर तट के आसपास स्थित मकानों को खाली करा लिया गया था जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। बारिश के चलते भूस्खलन होने के कारण ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग चमौली के समीप छिनका, मैठाणा, नन्दप्रयाग, पागलनाला व बेलाकुची जैसे अनेक स्थानों पर बंद हो गया है। ऋषिकेश-चंबा-धरासू राष्ट्रीय राजमार्ग टिहरी में बगड़धार के पास पहाड़ से मलबा आने के कारण यातायात हेतु अवरूद्ध है। ऋषिकेश-देवप्रयाग-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग भी भूस्खलन के कारण बंद है। पौड़ी में कोटद्वार-दुगड्डा राष्टीय राजमार्ग यातायात हेतु अवरूद्ध है।