चंडीगढ़ : राज्य में घातक वैकटर-बोर्न बीमारी के फैलाव को रोकने के मद्देनज़र मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत मान के नेतृत्व में शुक्रवार को राज्य भर में डेंगू रोकथाम शिक्षा और जागरूकता मुहिम ‘हर शुक्रवार डेंगू पर वार’ की शुरुआत की गई। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. बलबीर सिंह ने डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं, एस. डी. एम मोहाली और अन्य ज़िला और मैडीकल अधिकारियों के साथ मुहिम की शुरुआत करने के लिए एस. ए. एस. नगर ज़िले के गाँव बहलोलपुर पहुँचे, जहाँ उन्होंने घर-घर जाकर लोगों को डेंगू के लार्वा पनपने वाले स्थानों (हाटस्पाटस) दिखा कर इस ख़तरनाक बीमारी के कारणों और बचाव संबंधी जागरूक किया और लोगों से अपील की कि वह निजी तौर पर अपने घरों के अंदर-बाहर डेंगू लार्वा के पनपने (पैदा होने) के प्रति सचेत रहें। उन्होंने गाँव के अलग-अलग घरों का दौरा करने के इलावा मौके पर गाँव के पार्क, पंचायत घर, स्कूल और सरकारी डिस्पेंसरी की भी जांच की।
उन्होंने कहा, “इस दौरे के दौरान, गाँव के लगभग सभी घरों में डेंगू के लार्वे की मौजूदगी पाई गई, जिससे मच्छर पैदा हो सकते हैं।“ उन्होंने लोगों को शुक्रवार को कुछ समय निकालने और मच्छर पैदा होने वाले सभी स्थानों जैसे कि कूलर, कबाड़, गमलों, फ्रिजों की पिछली ट्रेओं, स्टोर किये पानी आदि जहाँ पानी की रुकावट हो सकती है, से पानी का निकास करने की अपील की।बाद में स्वास्थ्य मंत्री ने डेंगू की रोकथाम के लिए मच्छर का लार्वा खाने वाली मछली ‘गैंबूसिया’ को छप्पड़ में छोड़ा। उन्होंने कहा कि यह मछलियों मानव की मित्र हैं क्योंकि यह मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए लार्वे को खाती हैं। ज़िक्रयोग्य है कि ‘गैंबूसिया’ मछली को स्वास्थ्य टीमों से तरफ से जागरूकता के उद्देश्यों के लिए आम लोगों को दिखाने के लिए लाया गया था। यह मछलियां स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध हैं और कोई भी व्यक्ति इनको अपने घरों के नज़दीक छप्पड़ों, झीलों आदि में डालने के लिए मुफ़्त प्राप्त कर सकता है।
डाः बलबीर सिंह ने गाँव वासियों को संबोधन करते हुये लोगों की तरफ से अपने घरों और आसपास लगीं डेंगू फ़ैक्टरियों पर चिंता जतायी। आम तौर पर हम चीजों को हलके में लेते हैं परन्तु जब यह जान के लिए ख़तरा बन जाती है तभी चिंतित और सचेत होते हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने घरों के नज़दीक कहीं भी पानी खड़ा न होने दें।उन्होंने कहा, ‘‘हम शुक्रवार को ड्राई डे के तौर पर मनाना चाहिए, जिसका मतलब है कि हमें डेंगू के लार्वे के प्रजनन को रोकने के लिए खड़े पानी को बाहर निकालना चाहिए, जिसको मच्छर बनने के लिए एक हफ्ते का समय लगता है।’’
उन्होंने गाँव की स्वास्थ्य एवं सेनिटेशन समितियों, पंचायतों और स्कूल अध्यापकों से अपील की कि वे लोगों को इस घातक बीमारी से बचाने के लिए अधिक से अधिक जागरूकता फैलाएं। स्वास्थ्य मंत्री ने उनको अपने गाँव के हर घर का दौरा करने और डेंगू की संभावित फ़ैक्टरियों संबंधी जागरूक करने के लिए कहा जो वह अनजाने में उनके नज़दीक मौजूद हैं। उन्होंने कहा, “हम ऐसे करूसेडरों को इनाम और सम्मान देंगे, जो डेंगू के लार्वे के नुक्सानों संबंधी लोगों को जागरूक करेंगे।’’ ज़िक्रयोग्य है कि मंत्री ने गाँव के स्कूल, स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती केंद्र की पानी की टैंकियों का भी निरीक्षण किया और सम्बन्धित अधिकारियों को खड़े पानी और रिसाव (लीकेज) का ध्यान रखने के निर्देश दिए।