चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत मान की सोच अनुसार राज्य में से नशों के मुकम्मल ख़ात्मे और पंजाब को फिर से ‘ रंगला पंजाब ’ बनाने के मद्देनज़र पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डाः बलबीर सिंह ने मंगलवार को यहाँ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के दफ़्तर में एक अंतर-विभागीय उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता की। मीटिंग का उद्देश्य 15 जून से 19 जुलाई, 2023 तक चलाई गई मुहिम के नतीजों पर चर्चा करना था। मीटिंग में स्वास्थ्य विभाग, जेल विभाग और सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग समेत अलग-अलग विभागों के सीनियर अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
और ज्यादा जानकारी देते हुये डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि इस मुहिम के दौरान कुल 33682 कैदियों की एस. टी. आई. के लिये, 24404 की सिफलिस, 23879 की एच. आई. वी., 33576 की टी. बी. संबंधी, 20904 की हैपेटाईटस-बी और 21299 हैपेटाईटस-सी के लिए जांच की गई। जांच के उपरांत पाया गया कि कुल 916 कैदियों (2.7प्रतिशत) को एसटीआई के लिए, 168 (0.7प्रतिशत) सिफलिस के लिए, 923 (3.9प्रतिशत) एचआईवी के लिए, 34 (0.1प्रतिशत) टीबी के लिए, 143 (0. 7प्रतिशत) हैपेटाईटस-बी के लिए और हैपेटाईटस-सी के लिए 4846 (23प्रतिशत) पोजिटिव पाये गए। डाक्टर बलबीर सिंह ने कहा कि तुरंत कार्रवाई करते हुए, हमने सभी कैदियों को, जो एसटीआई, टीबी, सिफलिस, एचआईवी, और हैपेटाईटस सी के लिए पाज़िटिव पाये गए, को उपयुक्त इलाज दिया गया।
मंत्री ने इस मुहिम के महत्वपूर्ण निरीक्षणों को स्वीकार करते हुये स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को और प्रभावी ढंग के साथ काम करने और अलग-अलग विभागों के साथ सहयोग करने की सलाह दी जिससे बड़े स्तर पर समाज तक पहुँच की जा सके और नशों से पीड़ित व्यक्तियों को सहायता प्रदान की जा सके।मीटिंग के दौरान स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव डॉ. कार्तिक अडापा ने जेल, बाल घरों और नशा छुड़ाओ और पुनर्वास केन्द्रों में सबूत आधारित रोकथाम और इलाज सेवाओं को बढ़ाने की महत्ता पर ज़ोर दिया। उन्होंने जेलों और अन्य कलोज़ड सैटिंगों में नुक्सान घटाने सम्बन्धी तरीकों की विस्तार की वकालत की जिससे इन स्वास्थ्य मुद्दों को और प्रभावशाली ढंग के साथ निपटा जा सके।वर्ल्ड हैल्थ पार्टनरज़ की कंट्री डायरैक्टर प्राची शुक्ला ने जेल के कैदियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य जांच, काउंसलिंग और रैफरल पर केंद्रित एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किया। यह प्रोजैक्ट पंजाब सरकार के स्वास्थ्य विभाग की सांझेदारी के साथ पंजाब की चार केंद्रीय जेलों में लागू किया जायेगा।
इसके इलावा, डॉ. बलबीर सिंह ने नशा-मुक्त गाँवों की स्थापना के लिए पहलकदमियों का सुझाव दिया और मौजूदा पुनर्वास केन्द्रों और नशा छुड़ाओ केन्द्रों (एसयूडीटीसी) द्वारा प्रदान की जाती सेवाओं के नतीजों के विश्लेषण की सिफ़ारिश की। यह मूल्यांकन सेवाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाने और सुधार के लिए क्षेत्रों की पहचान करने में मदद कर सकते हैं।डा. बलबीर सिंह ने ए. डी. जी. पी जेल अरुण पाल सिंह को जेलों में नशों की कुरीति को पूरी तरह रोकने के लिए जेल विभाग में दाग़ी अधिकारियों की शिनाख़्त करके उनके खि़लाफ़ बनती कार्रवाई करने की भी अपील की। मंत्री ने समूह गाँवों की पंचायतों, मोहल्ला कमेटियों और अन्य ग़ैर सरकारी संस्थाओं को पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए एकजुट होने की अपील भी की।