Health Time : गर्मी के मौसम में बच्चों को त्वचा और स्वास्थ से संबंधित समस्यायें होने लगती हैं, इनसे बचने के कुछ सरल उपाय अपनाकर आप अपने बच्चों को इस मौसम में स्वस्थ रख सकते हैं। बच्चों के शरीर को आराम देने के लिये सूती और पतले कपड़े ही पहनाये। हल्के रंग के कपड़ों का ही चुनाव करें। सूती कपड़े पहनने से शरीर को ठंडक मिलती है और ये पसीना भी सोख्ते हैं वहीं सिंथेटिक कपड़े में पसीना अधिक आता है जो त्वचा से संबंधित रोगों को जन्म देता है।
बच्चों को धूप में लेकर न जाये और यदि बहुत जरूरी ही हो तो उसे पूरी बाजू के सूती कपड़े ही पहनायें। बाहर निकलते समय टोपी या हैट से बच्चे का सिर ढक लें और छतरी का प्रयोग करें। शाम के समय अगर उसको पै्रम में घुमाने लेकर जायें तो गद्दियों की जगह बच्चे के नीचे सूती चादर ही बिछायें इससे उसे आराम मिलेगा।डायपर कि जगह सूती नैपी या लंगोट का अधिक प्रयोग करें इससे बच्चे को रैशेज की समस्या नही होगी। जितना हो सके बच्चे को घर में ठंडे वातावरण में ही रखें।
छ: माह से छोटे शिशुओं को पानी पिलाने की आवश्यकता नही होती। ये स्तनपान से ही अपनी इस आवश्यकता की पूर्ति कर लेते हैं। लेकिन जो बच्चे डिब्बेवाले दूध का सेवन करते हैं उन्हें उबालकर ठंडा किया हुआ पानी चम्मच से पिलाते रहें। फ्रिज में ठंडा किया हुआ चिल्ड पानी न पिलाये। छ: माह से बड़े बच्चों को लस्सी, मिल्क शेक, नारियल पानी या फलों का ताजा रस चम्मच से पिलाया जा सकता है।
बच्चों को कभी भी बाहर से खरीदा हुए पेय पदार्थ और बाहर का खाना न दें। ये बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। अच्छा तो यही होगा कि घर से बाहर जाते समय बच्चे के पीने के पानी और खाने का कुछ सामान हमेशा साथ ही लेकर जायें।मौसम चाहे कोई भी हो शिशुओं के लिये मालिश तो बहुत आवश्यक होती है। इस मौसम में मालिश करते समय ये ध्यान रखें कि बच्चे के शरीर पर तेल लगा न रहे। मालिश के कुछ समय बाद उसे स्नान जरूर करवायें। आप चाहे तो नारियल के तेल से भी शिशु की मसाज कर सकती हैं इससे शिशु को ठंडक मिलेगी।
नहलाने के बाद शिशु के शरीर को ठंडक देने के लिये टैल्कम पाउडर तो लगाये लेकिन अत्याधिक पाउडर न लगाये। पाउडर का ज्यादा प्रयोग करने से ये स्किन पर जम जाता है। नहाने के तुरंत बाद बच्चे को एसी रूम में यह कूलर के सामने न लेकर जाये और न ही एसी रूम से सीधे धूप में लेकर जाये इससे बच्चे का स्वास्थय बिगड़ सकता है। गर्मी के मौसम में बच्चों को पानी में खेलना बहुत भाता है। एक वर्ष से बड़े बच्चों को बाथ टब में पानी भरकर कुछ रबड़ के खिलौने डाल दें और उसमे बच्चे को खेलने दें।
ध्यान रहे कि बाथ टब ज्यादा गहरी न हो। इन क्षणों में बच्चों को अकेला न छोड़े उसे लगातार वॉच करती रहें।
बच्चों को धूप से बचाने के लिये सस्ते गॉगल्स का इस्तेमाल न करें। ध्यान रहे कि गॉगल्स अच्छी क्वालिटी के हों जिससे बच्चों की आंखों पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।