नई दिल्ली: देश में कई मैच स्थलों को एकदिवसीय विश्वकप की मेजबानी नहीं मिलने के कारण वहां के खेल संघ नाराज है। इसी को देखते हुए अब भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) इन राज्य संघों को द्विपक्षीय घरेलू सत्र में मेजबानी का अवसर देना चाहता है। इसी को देखते हुए बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा कि विश्व कप मुकाबलों की मेजबानी करने वाले स्थलों को घरेलू सत्र के दौरान एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों की अपनी मेजबानी का अवसर छोड़ देना चाहिये जिससे कि उन राज्य संघों के मैच स्थलों को मेजबानी का अवसर मिल सके जिन्हें विश्वकप के लिए मेजबानी का अवसर नहीं मिला।
वहीं राज्य संघों को लिखे पत्र में शाह ने कहा है कि उनके प्रस्ताव को विश्व कप की मेजबानी करने वाले स्थलों के अधिकारियों ने मान लिया है। इसमें दिल्ली, धर्मशाला, चेन्नई, कोलकाता, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, अहमदाबाद, बेंगलुरू और लखनऊ शामिल हैं। वहीं विश्व कप के दौरान सिर्फ अभ्यास मैचों की मेजबानी करने वाले गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम को भी आगामी सत्र में द्विपक्षीय मैचों की मेजबानी का मौका मिलेगा। शाह ने विश्व कप के कार्यक्रम की घोषणा से पहले राज्य संघों के प्रमुखों से मुलाकात भी की थी।शाह ने कहा, ‘हमारी बैठक के दौरान मैंने आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 के मैचों का सही वितरण तय करने के लिए एक समाधान का प्रस्ताव रखा था।
मैंने अभ्यास मैचों की मेजबानी करने वाले असम और केरल को छोड़कर अन्य मेजबान संघों से द्विपक्षीय अंतरराष्ट्रीय सत्र के दौरान एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी की अपनी बारी स्वैच्छिक रूप से छोड़ने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, ‘यह प्रस्ताव उन राज्य संघों को समायोजित करने के लिए रखा गया था जो किसी कारणवश विश्व कप के मैचों की मेजबानी हासिल नहीं कर पाये। शाह ने कहा, ‘यह खुशी की बात है कि इस प्रस्ताव को बैठक में भाग लेने वाले सभी संघों ने स्वीकार कर लिया है। विश्व कप पांच अक्टूबर से 19 नवंबर तक भारत में आयोजित किया जाएगा। हैदराबाद को छोड़कर सभी मुख्य स्थलों को आईसीसी विश्व कप के दौरान पांच मैचों की मेजबानी मिली है।