मुंबई – अपने भतीजे अजित पवार के विद्रोह के बाद 82 वर्षीय शरद पवार ने अपनी 24 साल पुरानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को फिर से खड़ा करने का मिशन शुरू किया है। इस मौके वरिष्ठ पवार ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की उन पंक्तियों को याद किया जब उन्होंने पार्टी का नेतृत्व आडवाणी को सौंप दिया था। तब उन्होंने कहा, ‘न थका हुआ, न सेवानिवृत्त!, लेकिन अब आडवाणी जी के नेत्रत्व में विजय की ओर आगे बढि़ए। येवला सभा के लिए आते वक्त लोगों के चेहरे का हाव भाव देखकर मेरा आत्मविश्वास बढ़ गया है। न मैं टायर हूं और न ही रिटायर हूं। प्रफुल पटेल को मैने मंत्री बनाया। पीए संगमा को मैंने मंत्री बनाया। पटेल का बयान थोड़ा बहुत मुझे पता चला है।
पार्टी के चीजें, सामग्री लेने की बात कहने वालों को भगवान बुद्धि दे। बीजेपी के साथ जाने की चर्चा जरूर हुई थी, लेकिन निर्णय नहीं हुआ था। मेरी पार्टी अवैध है, ऐसा आरोप किया गया। इसी पार्टी के जरिए तुम संसद में हो। पार्टी में जो भी हुआ, सभी सीनियर लोगों के हस्ताक्षर के बाद ही हुआ। मेरी नियुक्ति भी सर्वसम्मति से हुई और उसका प्रस्ताव प्रफुल पटेल ने ही लाया था। शरद पवार ने कहा कि राज और उद्धव ठाकरे एक साथ आते हैं, तब मुझे खुशी होगी। अजित पवार के गुट के लोगों का स्वागत करने के लिए कार्यकर्ता नही हैं, इसकारण बच्चों से स्वागत कराया जा रहा है।
शरद पवार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की इन पंक्तियों को उस समय याद किया जब उनकी उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति अजित पवार द्वारा यह बताए जाने के बाद से काफी चर्चा में रही कि उनके चाचा को अब रिटायर्ड हो जाना चाहिए। अजित पवार ने कहा, ‘आपने मुझे सबके सामने खलनायक के रूप में पेश किया। मैं अब भी उनका (शरद पवार का) सम्मान करता हूंज् लेकिन आप मुझे बताइए, आईएएस अधिकारी 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैंज् यहां तक कि राजनीति में भी भाजपा नेता 75 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं। आप आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का उदाहरण देख सकते हैंज् यह नई पीढ़ी को आगे बढऩे की अनुमति देता है।