मुम्बई । भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने सभी को हैरान करते हुए कहा है कि भगवान ने उन्हें बल्लेबाजी नहीं बल्कि गेंदबाजी की प्रतिभा दी थी पर वह किस्मत से बल्लेबाज बन गये। साथ ही कहा कि वह शुरुआत में भी बल्लेबाज नहीं थे। रोहित ने कहा कि स्कूली क्रिकेट में उनका चयन गेंदबाज के तौर पर हुआ था। उस समय वह ऑफ स्पिन गेंदबाजी करते थे। वहीं कुछ माह बाद मेरे कोच दिनेश लाड ने कहा, तुम्हें बल्लेबाजी पर भी ध्यान देना है क्योंकि हमें ऑलराउंडर की जरूरत है।’उन्होंने मेरी बल्लेबाजी देखी और 8 नंबर पर मौका दिया।
इस दौरान मेरी बल्लेबाजी देखकर मुझे ऊपर क्रम में भेजा जाने लगा। जब मैंने स्कूल के मैच में 140 रन बनाए थे। वहीं से मेरी बल्लेबाजी का सिलसिला शुरू हुआ पर जब खेलना शुरू किया तो मैं बल्लेबाजी नहीं करता था। मैं केवल अपने मोहल्ले में दोस्तों के साथ बल्लेबाजी करता था। जब लेदर बाल क्रिकेट शुरू किया तब भी मैं बल्लेबाजी नहीं गेंदबाजी करता था। रोहित ने कहा कि लोगों को लगता है कि बल्लेबाजी को लेकर उनके पास प्रतिभा है जबकि ऐसा नहीं है। बल्लेबाजी को लेकर उन्होंने काफी मेहनत की है और अभी भी करते हैं।
वर्ष 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान अपने पारी की शुरुआत करने को रोहित क्रिकेट करियर का अहम मोड़ मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘2013 में चैंपियसं ट्रॉफी में कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने मुझसे ओपन कराया, वह निश्चित रूप से मेरे करियर में मोड़ आया जबकि तब तक मैं मध्य क्रम में उतरता था। धोनी ने मुझसे पूछा कि आप पारी की शुरुआत करोगे तो मैंने हां कह दिया। इससे पहले मैंने भारत में इंग्लैंड के खिलाफ दो मैचों में पारी की शुरुआत की थी। उन्होंने माना कि पारी शुरु करते हुए आपको मानसिक रूप से बदलाव करने की जरूरत होती है।