नई दिल्ली । कोरोना के नए वैरिएंट आर्टुरस ने भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में पैर परसारना शुरू कर दिया है।ऐसे में वैज्ञानिकों ने इसे लेकर कुछ अंदेशा ज़ाहिर किया है। वैज्ञानिक इस बात का दावा कर रहे हैं कि कोरोना का नया वैरिएंट जिस तरह से बढ़ रहा है, ये ओमिक्रॉन से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है।अब तक कोरोना का सबसे खतरनाक स्ट्रेन ओमिक्रॉन को ही माना जा रहा था क्योंकि ये स्पाइक प्रोटीन की वजह से लोगों के बहुत जल्दी संक्रमित कर देता था।हमारे देश में पिछले एक हफ्ते के अंदर कोविड ने 11 हज़ार से ज्यादा नए केसेज़ रिकॉर्ड किए गए हैं।कोविड की ये नई स्ट्रेन अब तक 22 से ज्यादा देशों में पाई गई है।
इंडिपेंडेंट से बात करते हुए वायरोलॉजी यानि वायरस के एक्सपर्ट यूनिवर्सिटी ऑफ वॉरविक के प्रोफेसर लॉरेंस यंग ने चेताया है कि हमें निश्चिंत नहीं होना चाहिए।उनका कहना है कि जब भी कोई नया वैरिएंट आता है, हमें ये समझना पड़ता है कि वो कितना प्रभावी है।जब तक इसका दुष्प्रभाव नहीं दिखता, तब तक हम इसकी गंभीरता समझ नहीं पाते हैं।कुछ रिपोर्टस बताती हैं कि ज्यादातर देशों में सुरक्षा व्यवस्थाएं ढीली हो चुकी हैं।टेस्टिंग से लेकर वैक्सिनेशन में भी कमी आ गई है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के अवर वल्ड्र इन डेट प्रोजेक्ट के तहत यूरोप में टेस्टिंग 600 तक पहुंच गई है, जबकि यूके समेत कई देशों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में भी कमी आ चुकी है।लोग आर्टुरस वैरिएंट को पिछले कुछ वैरिएंट्स की तरह हल्के में ले रहे हैं, लेकिन इससे ज्यादा सावधान रहने की ज़रूरत है।बता दें कि जब से कोरोना वायरस हमारी ज़िंदगी में आया है, तब से उसके नए-नए वैरिएंट्स ने समय-समय पर तबाही मचाई है।हालांकि पिछले एक साल से हालात काफी कुछ सामान्य होने लगे हैं, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।