नई दिल्ली। विदेशों में रहने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ती जा रही है। ये भारत के नागरिक हैं और वोट डालने के पूरा अधिकार है। यहां आने के लिए खर्चा भी ज्यादा होता है और कई बार समय का भी अभाव रहता है। ऐसे में कई बार ये वोट डालने भारत नहीं आ पाते है। अब इस समस्या का जल्द समाधान हो सकता है। इसके लिए एक उच्च-स्तरीय संसदीय समिति ने गैर-निवासी भारतीयों को मतदान का अधिकार देने के प्रस्ताव का समर्थन किया है। समिति ने इसके लिए प्रॉक्सी वोटिंग और इलेक्ट्रॉनिक बैलट (ई-बैलट) जैसे विकल्पों की सिफारिश की है, ताकि विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिक भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा ले सकें।
कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली विदेश मामलों की संसदीय समिति ने गुरुवार को प्रवासी भारतीयों पर अपनी रिपोर्ट संसद में पेश करने की योजना बनाई है। इस रिपोर्ट में एनआरआई की परिभाषा को स्पष्ट करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है, क्योंकि विभिन्न कानूनों में इस शब्द का अलग-अलग उपयोग किया जाता है। रिपोर्ट में समिति ने कहा कि मौजूदा नियमों के तहत एनआरआई को मतदान सूची में नाम दर्ज कराने के बावजूद भारत में शारीरिक रूप से मौजूद रहकर ही मतदान करना पड़ता है। समिति ने चिंता व्यक्त की कि बड़ी संख्या में एनआरआई भारतीय नागरिकता छोड़ चुके हैं या दोहरी नागरिकता रखते हैं, जिससे चुनावी प्रक्रिया में उनकी भागीदारी सीमित हो गई है। अब समिति की सिफारिशों के बाद देखना होगा कि सरकार इस प्रस्ताव पर क्या निर्णय लेती है और एनआरआई को मतदान का अधिकार देने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जाता है या नहीं।