चंडीगढ़ : पंजाब ने 1,000 करोड़ रुपए की ग्रांट के साथ सीमावर्ती जिलों में अपने पुलिस बुनियादी ढांचे और सुरक्षा प्रयासों को मजबूत करने के लिए केंद्रीय सहायता की मांग की है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ जैसलमेर में हुई प्री-बजट बैठक के दौरान, पंजाब के सीमावर्ती और अर्ध-पहाड़ी क्षेत्रों में लघु, छोटे और मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए जम्मू-कश्मीर और पड़ोसी पहाड़ी राज्यों की तर्ज पर राज्य के लिए औद्योगिक प्रोत्साहन की मांग की गई। यहां जारी प्रेस बयान में यह विचार व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राज्य ने नाबार्ड के अल्पकालिक मौसमी कृषि संचालन (एस.टी.-एस.ए.ओ.) की सीमा को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ₹1,100 करोड़ रुपए तक घटाई गई सीमा को बढ़ाकर 3,041 करोड़ रुपए करने की मांग जोरदार ढंग से उठाई है।
उन्होंने कहा कि यह बहाली किसानों को साहूकारों की ओर लौटने से रोकने के लिए, “सहकार से समृद्धि” के सिद्धांत के साथ मेल खाती है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों द्वारा यह मुद्दा उठाया गया और इस पर लंबी चर्चा की गई।राजपुरा में प्रधानमंत्री गति शक्ति के तहत सड़क संपर्क के लिए, पंजाब सरकार ने राजपुरा में एनएच 44 को इंटीग्रेटिड मैनुफेक्चरिंग क्लस्टर (आई.एम.सी) से जोड़ने वाली 5.6 किलोमीटर लंबी और 45 मीटर चौड़ी पहुंच सड़क बनाने के लिए 100 करोड़ रुपए के फंड की मांग की गई। यह फंड सड़क के निर्माण को समय पर पूरा करने और औद्योगिक क्लस्टर को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए आवश्यक है।अमृतसर को नई दिल्ली से जोड़ने वाली वंदे भारत ट्रेन के लिए धन्यवाद व्यक्त करते हुए, पंजाब सरकार ने पंजाब के कृषि और वाणिज्यिक केंद्र बठिंडा को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने के लिए एक और वंदे भारत ट्रेन की मांग की। यह पंजाब के मालवा क्षेत्र के लिए बेहतर संपर्क सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
वित्त मंत्री चीमा ने पंजाब में फसलों के अवशेष प्रबंधन के लिए वित्तीय सहायता का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने कहा कि 2018 से अब तक 1.45 लाख फसल अवशेष प्रबंधन (सी.आर.एम) मशीनें प्रदान करने के बावजूद, इनकी संचालन लागत एक चुनौती बनी हुई है। पंजाब सरकार ने प्रति एकड़ 2,500 रुपए, जिसमें भारत सरकार से 2,000 रुपए प्रति एकड़ और राज्य से 500 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन का प्रस्ताव किया है। इस पहल की कुल लागत ₹2,000 करोड़ होने का अनुमान है, जिसमें भारत सरकार से बजट सहायता के रूप में 1,600 करोड़ रुपए देने की प्रार्थना की गई है। इसके अलावा वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने धान की खेती में विविधता के लिए विशेष बजट आवंटन की भी मांग की। उन्होंने कहा कि 10 लाख हेक्टेयर में धान की खेती में विविधता लाने से 30,000 करोड़ रुपए से अधिक की बचत हो सकती है। पंजाब सरकार ने इन बचतों का एक हिस्सा एक व्यापक विविधता पैकेज के लिए आवंटित करने का प्रस्ताव किया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) योजना पर चर्चा करते हुए, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बढ़ी हुई निर्माण लागत को पूरा करने के लिए अनुदान को 1.2 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए प्रति लाभार्थी करने का प्रस्ताव किया। वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम) के तहत बकाया फंड जारी करने का मुद्दा भी उठाया, जिसकी राशि 1,119 करोड़ रुपए है। इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री पोषण अभियान के तहत कुक-कम-हेल्परों के मानदेय को 600 रुपए से बढ़ाकर 2,000 रुपए प्रति माह करने की मांग की। पंजाब ने शहरी परिवहन की ई-बस सेवाओं के लिए सहायता की मांग करते हुए 250 नई इलेक्ट्रिक बसों की खरीद और चार्जिंग पॉइंट्स की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपए की मांग की।
राज्य ने भारत सरकार द्वारा खरीद लागत की प्रतिपूर्ति, उन्नत तकनीक के साथ ड्राइविंग लाइसेंस परीक्षण के आधुनिकीकरण और 6,857 करोड़ रुपए के ग्रामीण विकास कोष (आरडीएफ) के बकाया की अदायगी की भी मांग की।पंजाब को अपने सुझाव पेश करने का मौका प्रदान करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का तहे दिल से धन्यवाद करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राज्य को आने वाली विशिष्ट चुनौतियों, खास तौर पर पाकिस्तान के साथ लगती सीमा के मद्देनजर राज्य के बुनियादी ढांचे और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए राज्य के लिए प्रोत्साहन पैकेज की मांग की गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाला केंद्रीय बजट नागरिक कल्याण, क्षेत्रीय विकास को आगे बढ़ाने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रोत्साहन के रूप में काम करेगा।