नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइनों को निर्देश दिया है कि वे यात्रियों को किसी भी तरह की देरी की सूचना तुरंत दें और तीन घंटे से अधिक देरी वाली उड़ानों को रद्द करें, ताकि यात्रियों को असुविधा न हो। मंत्रालय का कहना है कि सर्दी बढ़ने के साथ घने कोहरे के कारण उड़ान बाधित होने की आशंका रहती है। नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू की अध्यक्षता में कोहरे की तैयारियों पर समीक्षा बैठक के बाद दिशा-निर्देश जारी किए गए। केंद्रीय मंत्री ने सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ‘उड़ान की सुगमता’ के दृष्टिकोण के साथ यात्री-प्रथम दृष्टिकोण पर जोर दिया।
एयरलाइनों को यह भी कहा गया है कि वे दिल्ली जैसे हवाई अड्डों पर परिचालन के लिए कैट 2/3 अनुरूप विमान और प्रशिक्षित पायलटों का उपयोग करें, जहां सर्दियों के दौरान, विशेष रूप से दिसंबर में विजिबिलिटी कम होने की संभावना होती है।एयरलाइनों को असुविधा को कम करने के लिए पूरी तरह से स्टाफ वाले चेक-इन काउंटर बनाए रखने और संचार की सुविधा के लिए टिकट बुक करते समय यात्रियों की कॉन्टैक्ट डिटेल्स दर्ज करने का भी निर्देश दिया गया है। दिल्ली एयरपोर्ट ऑपरेटर डीआईएएल को विजिबिलिटी कंडीशन पर रियल टाइम अपडेट के लिए एलईडी स्क्रीन लगाने और लो-विजिबिलिटी की स्थिति में विमानों के मार्गदर्शन के लिए ‘फॉलो मी’ व्हीकल्स की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
रियल टाइम कॉर्डिनेशन बढ़ाने को जरूरत – नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने व्यवधानों को कम से कम करने के लिए एयरलाइनों, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और ग्राउंड हैंडलर के बीच रियल टाइम कॉर्डिनेशन बढ़ाने को जरूरी बताया।नागरिक उड्डयन मंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में मंत्रालय, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए), नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, दिल्ली हवाई अड्डे के संचालक और इंडिगो, एयर इंडिया, स्पाइसजेट और अकासा जैसी वाणिज्यिक एयरलाइनों के प्रतिनिधियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
दिल्ली में लो विजिबिलिटी के कारण कई उड़ानें प्रभावित – दिल्ली हवाई अड्डे के अधिकारियों ने कहा कि लो विजिबिलिटी की चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए कई उपाय लागू किए जा रहे हैं। वहीं इस सप्ताह धुंध ने पहले ही फ्लाइट शेड्यूल को प्रभावित कर दिया है क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में लो विजिबिलिटी के कारण 100 से अधिक उड़ानें देर हुई और 15 को डायवर्ट किया गया। दिल्ली हवाई अड्डे के चार में से तीन रनवे पर कैट 3 इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) लगे हैं, जिससे घने कोहरे में भी विजिबिलिटी कम होने पर परिचालन संभव हो पाता है।