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गुजरात के राजनीतिक इतिहास में पहली बार कांग्रेस राज्यसभा चुनाव लड़े बगैर होगी बाहर

अहमदाबाद : गुजरात के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब कांग्रेस राज्यसभा का चुनाव लड़े बगैर ही बाहर हो जाएगी। क्योंकि गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के केवल 17 सदस्य हैं, जबकि राज्यसभा चुनाव के अंक गणित के मुताबिक उसके पास कम से कम 45 विधायक होना जरूरी है। गुजरात में जिस प्रकार विधानसभा में कांग्रेस का संख्याबल सबसे कम है उसे देखते हुए आगामी पांच साल तक कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में कोई मौका नहीं मिलेगा। अर्थात आगामी 5 साल तक गुजरात कांग्रेस को राज्यसभा में एक भी सीट नहीं मिलेगी।

गुजरात में राज्यसभा की कुल 11 सीटें हैं, जिसमें भाजपा के पास 8 और कांग्रेस के खाते में तीन सीटें है। इनमें से 3 सीटों पर आगामी अगस्त 2023 को चुनाव होना है। विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा जुगलजी ठाकोर और दिनेश अनावडिया की अवधि 18 अगस्त 2023 को टर्म पूरी हो रही है। राज्यसभा चुनाव में भाजपा की इन तीनों पर जीत तय है। वहीं केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और मनसुख मांडविया के अलावा कांग्रेस की अमी याज्ञिक और नारण राठवा की टर्म 2 अप्रैल 2024 को पूर्ण हो जाएगी। अप्रैल 2024 के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथ से दोनों सीटें निकल जाएंगी। राज्यसभा की शेष 4 सीटों पर 2026 में चुनाव होंगे।

भाजपा के राज्यसभा सांसद राम मोकरिया, रमीला बारा, नरहरि अमीन के अलावा कांग्रेसके शक्तिसिंह गोहिल की टर्म 21 जून 2026 में पूरी होगी। स्वाभाविक है कि संख्याबल कम होने की वजह से 2026 में होनेवाले राज्यसभा चुनाव में भाजपा के सभी चारों सीटों पर जीतना तय है। फिलहाल आगामी अगस्त 2023 में गुजरात में होनेवाले राज्यसभा चुनाव में तीनों सीटें भाजपा में खाते में जाएंगी। गुजरात के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि कांग्रेस को चुनाव लडऩे का मौका ही नहीं मिलेगा। क्योंकि कांग्रेस के पास चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं है।

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