चंडीगढ़ – पंजाब के मुख्यमंत्री स.भगवंत मान की सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनाई गई जीरो टॉलरेंस नीति के तहत, पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने रिश्वतखोरी के खिलाफ अभियान के दौरान सी.आई.ए. स्टाफ मलोट, जिला मुक्तसर के ए.एस.आई. बलजिंदर सिंह (नंबर 890/Mks) और सीनियर सिपाही गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी (नंबर 183/Mks) के खिलाफ भ्रष्टाचार-रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में सीनियर सिपाही गुरप्रीत सिंह गोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और दूसरे आरोपी की तलाश जारी है। आज यहां जानकारी देते हुए विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि उक्त पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ यह मामला शिकायतकर्ता बलवीर सिंह उर्फ बीरा, निवासी गांव सेरावाला, जिला श्री मुक्तसर साहिब द्वारा मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन पर दर्ज करवाई गई शिकायत की जांच के बाद दर्ज किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता ने विजिलेंस ब्यूरो के पास पहुंचकर आरोप लगाया कि उसके खिलाफ नशीली गोलियां और हेरोइन की बड़ी बरामदगी का डर दिखाकर झूठा मामला दर्ज न करने के एवज में 2,50,000 रुपये की रिश्वत मांगी गई और बाद में 60,000 रुपये रिश्वत लेने के लिए सहमति व्यक्त की गई। जांच के दौरान शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत की गई रिकॉर्डिंग में सीनियर सिपाही गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी द्वारा पहले 2,50,000 रुपये मांगने और बाद में 60,000 रुपये की मांग करने और ए.एस.आई. बलजिंदर सिंह द्वारा स्पष्ट रूप से रिश्वत लेने की सहमति व्यक्त करने से इन उक्त दोनों आरोपियों द्वारा मिलीभुगत करके रिश्वत की मांग करना साबित हुआ है। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर थाना विजिलेंस ब्यूरो बठिंडा रेंज में दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार-रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। सीनियर सिपाही गुरप्रीत सिंह सी.आई.ए. स्टाफ मलोट को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है। दूसरे आरोपी बलजिंदर सिंह की जल्द गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।