नई दिल्ली । भाजपा का प्लान 2024 पार्टी को और मजबूत बनाने में जुटेगा। लोकसभा चुनाव 2024 के साल भर पहले ही भाजपा फिर सक्रिय हो गई है। चुनाव में यदि अकेले दम पर जीतना मुश्किल भी पड़े तो मजबूत गठबंधन के जरिए नैया पार लग जाए, इस पर फोकस है। इसी के तहत भाजपा एनडीए को नए सिरे से मजबूत करना चाहती है। इसके तहत भाजपा जल्दी ही एनडीए क मीटिंग करने वाली है। इस मीटिंग में गठबंधन के विस्तार को लेकर फैसला होगा। हाल ही में टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू ने अमित शाह की मुलाकात से इसके संकेत भी मिले हैं।
दरअसल बीते 9 सालों में भाजपा ने एनडीए की सिर्फ एक ही मीटिंग बुलाई है। भले ही राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान एनडीए के दलों से समन्वय किया गया, लेकिन इससे इतर बैठकें नहीं बुलाई गईं। भाजपा अलग-अलग राज्यों में फिलहाल अपनी ताकत का आकलन कर रही है और उसके मुताबिक गठबंधन की भी तैयारी है। इसी के तहत चंद्रबाबू नायडू की अमित शाह के घर पर हुई इस मीटिंग में भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। पिछले दिनों अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल के निधन पर श्रद्धांजलि देने के लिए अमित शाह और जेपी नड्डा दोनों ही उनके गांव पहुंचे थे।
इस तरह से भाजपा अपने पुराने सहयोगी को कितनी गंभीरता से ले रही है। किसान आंदोलन के दौरान दोनों दल अलग हो गए थे और केंद्रीय मंत्री रहीं हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया था। वहीं टीडीपी भी एनडीए का ही हिस्सा थी, लेकिन अलगाव हो गया था। अब दोनों ही पार्टियों को भाजपा पाले में लाना चाहती है। इसके अलावा कुछ और दलों को भी साथ लाने की कोशिश होगी, जिससे स्थानीय स्तर पर फायदा मिल सके। यूपी की ही बात करें तो यहां भाजपा ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा को साथ ला सकती है।
इधर अकाली और टीडीपी भले ही एनडीए से अलग हो गए थे, लेकिन दोनों ने भाजपा पर कभी तीखे हमले नहीं किए। यही नहीं राष्ट्रपति चुनाव में तो दोनों ने एनडीए उम्मीदवार को वोट भी दिया। भाजपा के नेताओं ने कहा कि यदि एनडीए का कुनबा बढ़ता है तो उसका फायदा मिलेगा। खासतौर पर आंध्र प्रदेश, पंजाब जैसे राज्यों में यह फायदेमंद होगा, जहां भाजपा अकेले बहुत मजबूत नहीं है। भाजपा का आंध्र प्रदेश में जनसेना नाम की एक स्थानीय पार्टी से पहले ही गठबंधन है