Lifestyle : सुंदर होंठ सभी लड़कियों की पहली पसंद होती है। इससे चेहरे की सुंदरता और भी बढ़ जाती है पर कुछ लड़कियों के होंठ बहुत पतले होते हैं जिसके लिए वे प्लास्टिक सर्जरी का सहारा लेती हैं। सर्जरी से होंठों को बेहतर लुक दिया जा सकता है पर ध्यान रहे कि लिप सर्जरी (होंठ को सर्जरी से निखारना) बहुत ही दर्दभरा होता है और अगर सर्जरी के बाद सावधानियां न बरती जाएं तो इससे नुकसान भी हो सकता है। ऐसे में सब लोगों को लिप सर्जरी के बारे में पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है।
सर्जरी के प्रकार –
लिप सर्जरी दो तरह की होती है- स्थायी और अस्थायी। अस्थायी सर्जरी में इंजैक्शन की मदद से होंठों में आर्टिफिशयल फिलर भरकर उभार लाया जाता है जो 5-6 महीनों तक ही रहता है और उसके बाद होंठ अपनी पहले वाली शेप में आ जाते हैं। वहीं स्थायी सर्जरी में इम्प्लांट, लिप लिफ्ट और वेरमिलीअन एंडवांसमेंट करवाया जाता है।
सर्जरी के तरीके –
फैट ट्रांसफर इंजैक्ट- इसमें शरीर के किसी हिस्स से वसा लेकर होंठों में इंजैक्ट की जाती है जिससे होंठ भरे हुए लगते हैं।
वेरमिल्लियन एडवांसमेंट सर्जरी – इस सर्जरी में होंठों के किनारों को ऊपर की तरफ खींच कर उन्हें चौड़ा किया जाता है। इससे लिप्स ज्यादा पाउटी नजर आते हैं और इससे चेहरे की लुक भी बदल जाती है।
लिप इम्प्लांट सर्जरी – यह मुंह के अंदर से की जाने वाली सर्जरी है और यह स्थायी-अस्थायी दोनों तरीकों से होती है। इसमें मुंह के अंदर से इंप्लांटेशन की जाती है जिससे एक खूबसूरत मुस्कान मिलती है।
लिप लिफ्ट सर्जरी – लटके हुए और ढीले होंठों को सही शेप देने के लिए यह सर्जरी करवाई जाती है। इसमें होंठों के किनारों को ऊपर उठाने के लिए सर्जरी की जाती है।
सर्जरी में जोखिम – होंठों में उभार लाने के लिए लड़कियां सर्जरी तो करा लेती हैं लेकिन इनसे होने वाले नुकसान के बारे में नहीं जानती। सर्जरी के दौरान अगर थोड़ी-सी भी लापरवाही बरती जाए तो सूरत खराब हो जाती है। सर्जरी से कई बार संक्रमण हो जाता है जिससे जान भी जा सकती है। अस्थायी सर्जरी कराने के कुछ महीनों बाद होंठ दोबारा अपने आकार में आ जाते हैं जिससे एक बार फिर से इंजैक्शन लगवाने पड़ते हैं। लिप इंम्प्लांट करवाने के बाद अगर चेहरे की शेप बिगड़ जाए तो इसे इंम्प्लांटेशन को हटाना मुश्किल हो जाता है।