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राहुल गांधी ने कुमारी शैलजा एवं हुड्डा के बीच दिखाई एकता,कहा-पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं

अम्बाला / नारायणगढ़ : हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस अपने जीत के पुरजोर दावे कर रही है। जीत के लिए पार्टी का चुनावी प्रचार भी जोरों पर है। राहुल गांधी और प्रियंका ने पार्टी के प्रचार की कमान संभाली हुई है। राहुल गांधी ने आज हरियाणा के नारायणगढ़ से विजय संकल्प यात्रा शुरू की। जहां इस दौरान नारायणगढ़ में राहुल और प्रियंका की एक रैली भी रखी गई। दोनों ने रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी समेत बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। साथ ही इस दौरान राहुल गांधी ने पार्टी में गुटबाजी की तस्वीर को खारिज करते हुए एकजुटता और ऑल इज वेल का संदेश देने की कोशिश की।

राहुल गांधी ने शैलजा का हाथ पकड़ हुड्डा के हाथ से मिलाया – वही पार्टी में मुख्यमंत्री के पद को लेकर हुड्डा और शैलजा दोनों मंच से खुलकर बोलते है वही हाई कमान ने इसलिए बार विधानसभा चुनाव मे हुड्डा खेमे से करीब 72 सीटे दे कर कमान लगभग हुड्डा के हाथ दे दी हाई वही कुमारी शैलजा भी कई बार खुल कर मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोक चुकी है और इस बार विधानसभा चुनाव भी लडऩा चाहती थी रैली समापन के बाद जब सभी नेता एक साथ मंच पर आगे आए तो इस बीच कुमारी शैलजा और भूपेंद्र हुड्डा के बीच खड़े राहुल गांधी ने दोनों के हाथ मिलवा दिये। राहुल गांधी ने शैलजा का हाथ पकड़ हुड्डा के हाथ से मिलाया और पार्टी की तरफ से एकजुटता की तस्वीर पेश की। राहुल गांधी ने यह दिखाया कि, पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं हैं। हरियाणा में कांग्रेस एक और एकजुट है। दरअसल, कुमारी शैलजा और भूपेंद्र हुड्डा के बीच नाराजगी और गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है और समय-समय यह गुटबाजी खुलकर भी सामने आई है।वहीं हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच कुमारी शैलजा और भूपेंद्र हुड्डा में गुटबाजी उस वक्त और तेज हो गई।

जब दिल्ली में टिकट बंटवारे के दौरान हुड्डा ने अपनी चलाई और इस दौरान शैलजा की अनदेखी की गई। इसके बाद हुड्डा गुट के लोगों द्वारा अपने खिलाफ जातिसूचक शब्दों से भी शैलजा बेहद आहत हुईं। जिसका परिणाम यह हुआ कि, शैलजा ने चुनाव प्रचार से बिलकुल दूरी ही बना ली। शैलजा प्रचार में दोबारा तब एक्टिव हुईं। जब हाल ही में राहुल गांधी ने करनाल के असंध में रैली की। तब वह राहुल के साथ मंच पर नजर आईं। फिलहाल, राहुल गांधी के माध्यम से कुमारी शैलजा और भूपेंद्र हुड्डा को एक ही मंच पर लाने की कोशिश की जा रही है। मतलब जिस तरह से हरियाणा कांग्रेस के भीतर से कलह की खबरें सामने आ रहीं हैं। उनपर विराम लगाने के लिए राहुल ने एकजुटता दिखाने की कोशिश की है।

अंदरूनी कलह के कारण कांग्रेस को कोई नुकसान न हो जाए। इसलिए राहुल गांधी प्रचार करने के साथ-साथ गुटबाजी को भी दूर करने में जुट गए हैं। लोगों के सामने एकजुटता दिखाने की कोशिश के साथ ये संदेश देने की कोशिश हो रही है कि पार्टी में ऑल इज वेल है। शैलजा एक बड़ा दलित चेहरा, करीब 20 सीटों पर प्रभाव हरियाणा में कुमारी शैलजा एक बड़ा दलित चेहरा और साथ ही कांग्रेस की तरफ से एक बड़ी दलित नेता भी। शैलजा के अपमान से हरियाणा का दलित समाज भी अपना गुस्सा जाहिर कर रहा है।

हरियाणा में करीब 20 फीसदी दलित वोट हैं- हरियाणा में अनुसूचित जातियों के लिए 17 सीटें रिजर्व हैं लेकिन उनका 35 से 37 सीटों पर असर है। इस लिहाज से कांग्रेस के लिए शैलजा काफी अहम हैं। हरियाणा में 20 से ज्यादा सीटें कुमारी शैलजा के प्रभाव वाली मानी जाती हैं।

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