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डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने घरेलू हिंसा के पीड़ितों की पहचान करने और उनकी सहायता के लिए ‘सांझ राहत प्रोजेक्ट’ की शुरुआत की

चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों पर घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने गुरुवार को घरेलू हिंसा के पीड़ितों की पहचान करने और सहायता के लिए ‘सांझ राहत प्रोजेक्ट’ की शुरुआत की। इस परियोजना का उद्देश्य घरेलू हिंसा के पीड़ितों को आवश्यक मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और कानूनी सहायता प्रदान करना और उन्हें हिंसा मुक्त जीवन जीने के लिए सक्षम बनाना है। यह परियोजना पीड़ितों को उनके जीवन से संबंधित निर्णय लेने के लिए आवश्यक संसाधन और सेवाओं से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

यह परियोजना पंजाब पुलिस के कम्युनिटी अफेयर्स डिवीजन (सीएडी) और ‘नई शुरुआत’, जो कि महिलाओं के सशक्तिकरण पर केंद्रित एक इंदौर स्थित एनजीओ है, के बीच एक साझेदारी है। इसके प्रमुख भागीदारों में स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग, राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण और जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण शामिल हैं।स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, पंजाब के सचिव कुमार राहुल ने इस मौके पर विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की। स्पेशल डीजीपी, कम्युनिटी अफेयर्स डिवीजन और महिला मामलों की गुरप्रीत कौर दियो ने मेहमानों का स्वागत किया और इस पहल के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। डीजीपी गौरव यादव ने पंजाब पुलिस ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट से इस परियोजना की शुरुआत करते हुए बताया कि प्रारंभिक तौर पर इस परियोजना को सिविल अस्पताल, एसएएस नगर में पायलट प्रोग्राम के रूप में शुरू किया गया है और फिर इसे पूरे राज्य में विस्तारित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि ‘सांझ राहत’ पहल महिलाओं को हिंसा रहित जीवन के लिए सही और विवेकपूर्ण निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाएगी। उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल, मोहाली में घरेलू हिंसा के पीड़ितों की पहचान और सहायता के लिए दो समर्पित काउंसलर तैनात किए गए हैं, जिससे हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए सहायता सेवाओं में मौजूदा कमी को पूरा किया जाएगा। जिक्र योग्य है कि इस प्रोजेक्ट को प्रभावशाली ढंग से लागू करने के लिए ,पंजाब पुलिस ने 25 अप्रैल 2024 को नई शुरुआत से समझौता किया गया था।और जानकारी देते हुए विशेष डीजीपी गुरप्रीत कौर दियो ने आगे बताया कि यह परियोजना घरेलू हिंसा के पीड़ितों को बेहतर समन्वय के साथ सहायता प्रदान करने और आवश्यक सहायता के लिए संस्थानों और व्यक्तियों का एक नेटवर्क बनाने में मदद करेगी।

उन्होंने कहा कि महिला पुलिस अधिकारियों और स्टेशन हाउस अधिकारियों (एसएचओ) के लिए जागरूकता प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए जा रहे हैं। बताने योग्य है कि आज एस. ए. एस. नगर की महिला पुलिस और जिले के 10 एस. एच. ओज के लिए सहित एक दिवसीय जागरूकता प्रशिक्षण प्रोगराम करवाया गया, जबकि कल शुक्रवार को रूपनगर और फतेहगढ़ साहिब जिले के महिला पुलिस अधिकारियों और एस.एच.ओज के लिए तकनीकी सैशन करवाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस द्वारा सिविल अस्पताल एस. ए. एस. नगर में सांझ राहत रिसोर्स सैंटर के तालमेल के साथ काम किया जाएगा जिससे ज़रूरत पड़ने पर कानूनी कार्यवाही की जा सके।

नई शुरुआत के ट्रस्टी अमुल्या निधी द्वारा सांझ राहत प्रोजैरक्ट के इतिहास और संकल्प बारे एक विस्तृत पेशकारी दी गई। इस मौके जया वेलंकर, डा. रंगोली गुप्ता और शैलजा अरालकर सहित प्रसिद्ध विशेषज्ञों ने ‘ लिंग समानता और औरतों विरुद्ध हिंसा’, ‘ अंतर- क्षेत्रीय तालमेल’ और ’ औरतें विरुद्ध हिंसा के लिए महिला- केंद्रित पहुँच’ सहित गंभीर विषयों पर सैशन का नेतृत्व किया। प्रशिक्षण सैशनों के अंत में चर्चा और भागीदारों के विचार हित सैशन करवाया गया।
इस समागम में मैडीकल कालेज एस.ए.एस. नगर के डायरैक्टर प्रिंसीपल डा. भवनीत भारती, सिविल अस्पताल एस.ए.एस नगर के मनोविज्ञानी डा. मनताज कौर सहित प्रमुख अधिकारी मौजूद थे। इस मौके एसपी/ सीएडी दीपिका सिंह ने मुख्य मेहमान और अन्य आदरणीय का इस समागम में शामिल होने के लिए धन्यवाद किया।

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