चंडीगढ़ : प्रदेश को रक्षा उद्योग में अग्रणी बनाने और दीर्घकालिक विकास और स्थिरता के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के उद्देश्य से, पंजाब सरकार एयरोस्पेस और रक्षा (एयरोस्पेस एंड डिफेंस) क्षेत्र में कौशल विकास के लिए एक व्यापक नीति लेकर आएगी। पंजाब के रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण मंत्री अमन अरोड़ा ने यह बात आज यहां सेंटर फॉर ट्रेनिंग एंड एम्प्लॉयमेंट ऑफ पंजाब यूथ (सी-पाइट) द्वारा एसोचैम उत्तरी क्षेत्र की मदद से आयोजित एयरोस्पेस और डिफेंस तथा एमएसएमई सेक्टर के लिए कौशल विकास पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।
अमन अरोड़ा ने प्रमुख सचिव रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण जसप्रीत तलवार और सी-पाइट के महानिदेशक मेजर जनरल रामबीर मान को एयरोस्पेस और डिफेंस और लघु, छोटे और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र में कौशल विकास के लिए नीति तैयार करने के लिए सभी हितधारकों का एक समूह बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एयरोस्पेस में निजी उद्योग की अधिकांश नौकरियां सिविल एविएशन, जनरल एविएशन, सैन्य विमान और मिसाइल, संचार उपग्रह और सैन्य और वाणिज्यिक लॉन्च वाहनों के क्षेत्र में हैं। राज्य सरकार द्वारा तैयार की जाने वाली नीति प्रदेश के युवाओं के लिए अधिकतम रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए इन क्षेत्रों पर केंद्रित होगी।
अमन अरोड़ा ने उद्योगपतियों को इस क्षेत्र में निवेश करने का निमंत्रण देते हुए कहा कि रक्षा क्षेत्र में पंजाब की एक समृद्ध विरासत है, जो रक्षा उद्योग के विकास के लिए व्यापक संभावनाएं प्रदान करती है। इसके अलावा औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न लाभ और रियायतें प्रदान करने और अनुकूल वातावरण बनाने के साथ-साथ राज्य में मोहाली और अमृतसर में दो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों, लुधियाना, बठिंडा और जालंधर में घरेलू हवाई अड्डों और आदमपुर में भारत के सबसे बड़े वायु सेना अड्डों में से एक के साथ एक मजबूत बुनियादी ढांचा है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब में उन्नत निर्माण के लिए मजबूत समर्थन, इंजीनियरिंग के लिए विशाल एमएसएमई आधार, केंद्रित शैक्षिक अवसंरचना और स्थापित एविएशन क्लबों की उपलब्धता है।
यह कहते हुए कि कौशल विकास, रक्षा क्षेत्र में पंजाब की क्षमता को उजागर करने का मुख्य आधार है, अमन अरोड़ा ने कहा कि यह सम्मेलन पंजाब में कौशल विकास के प्रयासों को और अधिक बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण विचारों और सहयोग के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस सहयोग से कौशल अंतराल की पहचान करने और इन अंतरालों को पूरा करने के लिए लक्षित प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करने में भी मदद मिलेगी। प्रमुख सचिव जसप्रीत तलवार ने उद्योग के नेताओं से इस संबंध में अपनी राय देने की अपील करते हुए कहा कि सरकार, शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग के नेताओं के बीच सहयोग इस क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह सहयोग ज्ञान और उभरते रुझानों के आदान-प्रदान की सुविधा भी प्रदान करेगा।
उन्होंने आगे कहा कि सरकारी कार्यक्रमों को एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र की कौशल संबंधी विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने और उद्योग के मानकों और अपेक्षाओं के अनुसार तैयार किया जाएगा। इसके अलावा उभरते रुझानों और तकनीकी प्रगति को समझने के लिए उद्योग के भागीदारों के साथ निरंतर सहभागिता भी अधिक महत्वपूर्ण है।उद्योगपतियों और विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों का स्वागत करते हुए रोजगार सृजन निदेशक अमृत सिंह ने राज्य सरकार द्वारा युवाओं के कौशल को निखारते हुए उन्हें रोजगार के योग्य बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में की जा रही शोध और विकास पहलें अत्याधुनिक रक्षा तकनीकों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगी और उन्नत रक्षा उपकरण तैयार करने की हमारी क्षमता में भी वृद्धि करेंगी।
इस अवसर पर एडीजी आर्मी डिज़ाइन ब्यूरो मेजर जनरल सीएस मान, चीफ नोडल ऑफिसर उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर मेजर जनरल आईएम लाम्बा (सेवानिवृत्त), कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स लिमिटेड के अध्यक्ष राजिंदर सिंह भाटिया, रीजनल हेड एनएसडीसी इंटरनेशनल रजत भटनागर, एसोचैम पंजाब के अध्यक्ष और सरस्वती ग्रुप ऑफ कंपनीज के निदेशक अभि बंसल, एसोचैम चंडीगढ़ के अध्यक्ष और एसएमएल इसुजु लिमिटेड के सीएफओ राकेश भल्ला, एसोचैम पंजाब के सह-अध्यक्ष और पंजाब फिल्म सिटी के कार्यकारी निदेशक श्री इकबाल चीमा ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।