पेरिस । भारत के सबसे अनुभवी टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने ओलंपिक पुरुष युगल के पहले दौर में हार के बाद खेल से संन्यास की घोषणा कर दी। 43 साल के बोपन्ना और उनके जोड़ीदार श्रीराम बालाजी की जोड़ी को फ्रांसीसी जोड़ी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। बोपन्ना ने कहा कि मैंने देश के लिए अपने करियर का अंतिम मैच खेल लिया है हालांकि मैं जीत के साथ अलविदा कहना चाहता था पर वैसा नहीं हो पाया। बोपन्ना और बालाजी को एडवर्ड रोजर वासेलिन और गेल मोनफिल्स की फ्रांसीसी जोड़ी ने 5-7, 2-6 से हराया था। इससे भारत के ओलंपिक पदक जीतने की उम्मीदें फिर टूट गयी।
भारत की ओर से अंतिम बार पेस ने अटलांटा ओलंपिक के पुरुष एकल में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद से ही भारत अब तक कोई पदक नहीं जीत पाया है। बोपन्ना साल 2016 में सानिया मिर्जा के साथ मिश्रित युगल में पदक के करीब पहुंचे थे पर यहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।बोपन्ना ने कहा कि वह 2026 एशियाई खेलों में शामिल नहीं होंगे और कहा कि ओलंपिक के साथ ही मैंने रिटायरमेंट ले लिया है। ये मेरा आखिरी टूर्नामेंट था। मैं पूरी तरह से समझता हूं कि मैं किस स्थिति में हूं। मैं अब जब खेल सकूंगा तब टेनिस का आनंद उठाउंगा। उन्होंने पहले ही डेविस कप से संन्यास की घोषणा कर दी थी। साथ ही कहा कि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं दो दशकों तक भारत की ओर से खेलूंगा। मैंने 2002 में करियर की शुरुआत की थी और 22 साल बाद भी भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला ये मेरे लिए गर्व की बात है।