चंडीगढ़ – हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि नशा संपूर्ण समाज के लिए एक बड़ी समस्या है। नशे के की समाप्ति के लिए समाज के हर वर्ग को आगे आकर प्रयास करना चाहिए। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय सेक्टर-17 स्थित मॉडर्न स्कूल में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय नशा निषेध समारोह में उपस्थित जनसमूह को मुख्य अतिथि के रूप से संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि इस समय पूरे समाज के लिए पाश्चात्य संस्कृति व बदलते परिवेश की वजह से युवाओं में नशे का बढ़ता सेवन चिंता का विषय है। राज्य बाल कल्याण परिषद और हमारी सरकार का लक्ष्य प्रदेश के युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूक करना है। इसके लिए राज्य बाल कल्याण परिषद निरंतर समाजसेवी व्यक्तियों, NGOs एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रही हैं। लेकिन नशा मुक्ति की इस मुहिम में सरकार का सहयोग करते हुए प्रदेश के हर एक व्यक्ति को एकजुट होकर लोगों को जागरूक करना होगा। मादक द्रव्यों के सेवन से निपटने के लिए राज्य सरकार भी पूर्णतया प्रतिबद्ध है। मादक द्रव्यों के सेवन को रोकने के लिए एक समर्पित संगठन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, हरियाणा राज्य मादक द्रव्यों के सेवन रोकथाम सोसायटी की स्थापना की गई है। नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ इस लड़ाई के प्रमुख पहलों में से एक नशा मुक्त भारत अभियान भी है। भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य विशेष रूप से युवाओं में मादक द्रव्यों के सेवन के दुषप्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद भारत सरकार की योजना के तहत नारनौल, रेवाड़ी और सिरसा में नशे के आदी लोगों के लिए तीन नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र चला रही है। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्य शाखा सिरसा में नशे के आदी लोगों के लिए एक आउटरीच ड्रॉप इन सेंटर और एक समुदाय आधारित पीयर लेड इंटरवेंशन चलाकर समाज कल्याण में अपनी अहम भूमिका निभा रही है, जिसके लिए मैं हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के सभी पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करता हूँ। हम अपने मन में निर्णय कर ले की हम नशे जैसी बुराई को कभी नहीं अपनाएंगे। एक बार मन में निश्चय कर लिया तो इंसान कुछ भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश नारी के सम्मान की धरती है। इस प्रदेश को माँ सरस्वती का वरदान प्राप्त है। इस प्रदेश की महिलाओं ने इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है। समाज में महिलाओं को सम्मान की दृष्टि से देखा जाना चाहिए क्योंकि आज के समय में महिला हर क्षेत्र में आगे है चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो या फिर खेल का। परिवार में महिला जितना आगे बढ़ेगी परिवार और समाज उतना ही आगे बढ़ेगा।
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के प्रयासों के साथ हरियाणा सरकार भी नशे के खिलाफ अनेकों योजनाएं चला रही है। सरकार ने मादक पदार्थों की लत के दुषपरिणामों और इसके बढ़ते प्रसार को संज्ञान में लिया है। इसलिए युवाओं और किशोरों को नशे से बचाने के लिए एक राज्य कार्य-योजना शुरू की गई। इस योजना के तीन पहलू हैं- जन जागरूकता अभियान, नशा मुक्ति व पुनर्वास और नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई। नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन भी किया गया है। नशा मुक्ति व पुनर्वास के लिए प्रदेश में 52 नशा मुक्ति केंद्र खोले गए हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भी नशा मुक्ति वार्ड स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा तेरह जिलों के सिविल अस्पतालों में नशा मुक्ति केंद्र बनाए गए हैं। नशा मुक्ति व पुनर्वास के लिए ग्राम व वार्ड स्तर से लेकर राज्य स्तर तक मिशन टीमों का गठन किया गया है। नशा पीड़ितों की मदद करने और अपने क्षेत्र में ड्रग पैडलिंग की गतिविधियों के बारे में जनता से जानकारी एकत्र करने के लिए टोल फ्री एंटी-ड्रग हेल्पलाइन नंबर 9050891508 पहले ही शुरू किया जा चुका है।
नशे के उद्देश्य से उपयोग की जाने वाली दवाओं की अवैध बिक्री को रोकने के लिए राज्य के सभी केमिस्ट स्टोर के लिए एक मोबाइल ऐप ‘साथी’ तैयार किया गया है। एक अन्य मोबाइल ऐप ‘प्रयास’ का विकास किया गया है। इस ऐप में सभी नशा पीड़ितों का राज्यव्यापी डेटा तैयार किया जा रहा है और यह ऐप नशा तस्करों के बारे में जानकारी देने में भी मदद करेगा। अपराधों, अपराधियों, पीड़ितों आदि से संबंधित सभी गतिविधियों का केंद्रीकृत राज्य डेटाबेस बनाने के लिए एक सॉफ्टवेयर HAWK विकसित किया गया है। बच्चों और युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए एक कार्यक्रम “धाकड़” जो स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के स्तर पर शुरू किया गया है। मने पंचकूला में एक अंतरराज्यीय ड्रग सचिवालय की स्थापना की है। मादक पदार्थों की तस्करी और बिक्री पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के लिए हरियाणा में जिला, रेंज और राज्य स्तर पर एंटी नारकोटिक्स सैल्स (ANCs) स्थापित किए गए हैं।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि नशे के खिलाफ इस लड़ाई के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। यह व्यक्तियों, समुदायों और सरकारी निकायों की सक्रिय भागीदारी की मांग करता है। सहयोग, जागरूकता और प्रभावी पुनर्वास के माध्यम से हम समाज को नशा मुक्त बना सकते हैं ।कार्यक्रम के समापन के अवसर पर समाज में नशे की खिलाफ लड़ाई कर रहे व्यक्तियों को सम्मानित किया गया और कार्यक्रम से सांस्कृतिक प्रस्तुति और नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति देने वाले स्कूलों के विद्यार्थियों को भी सम्मनित किया गया। इस अवसर पर तिगांव विधायक राजेश नागर, एसडीएम फरीदाबाद शिखा अंतिल, हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद महासचिव सुषमा गुप्ता, हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद उपाध्यक्ष परिषा शर्मा, शिक्षाविद डॉ एमपी सिंह,स्कूल डायरेक्टर सुशील जैन,प्रिंसिपल नीलिमा जैन एव आरती सहित अन्य कई गणमान्य व्यक्तिगण मौजूद थे।