लखनऊ । उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोग की शासी परिषद की आठवीं बैठक में सात बिंदुओं के माध्यम से उत्तरप्रदेश की उपलब्धियों को नीति आयोग के सामने रखा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र को अपनाते हुए उत्तरप्रदेश, देश में औद्योगिक निवेश के ड्रीम डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है। इस दौरान उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों की उपलब्धियां गिनाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के आह्वान पर देशवासी पंचप्रण के साथ एक विकसित भारत के निर्माण के लिए समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं। उत्तरप्रदेश सरकार ने अपराध एवं भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेन्स की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी में उत्तरप्रदेश का योगदान 8 प्रतिशत से अधिक है। प्रधानमंत्री के देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर बनाने के लक्ष्य के क्रम में अगले पांच वर्षों में उत्तरप्रदेश का एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान देने का संकल्प लिया है। उन्होंने बताया कि लखनऊ में फरवरी में आयोजित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट- 2023 में 35 लाख करोड़ रुपये के 22,000 से अधिक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए, जिनमें 1 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसरों के सृजन की सम्भावना है।
विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में उल्लेखनीय प्रगति – मुख्यमंत्री ने कहा कि 96 लाख इकाइयों के साथ उत्तर प्रदेश में देश की सर्वाधिक एमएसएमई इकाइयां हैं। उन्होंने कहा कि विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में उत्तर प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। प्रयागराज को हल्दिया बन्दरगाह तक राष्ट्रीय जलमार्ग-1 का वाराणसी से हल्दिया तक का भाग संचालित है। 13 वर्तमान एवं प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के साथ उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे प्रदेश के रूप में विकसित हो रहा है। प्रदेश में 3 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट संचालित हैं, अयोध्या तथा नोएडा में 2 नए अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट निर्माणाधीन हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 947 अनुपयोगी अधिनियम/विनियम/ नियम आदि समाप्त किये गये हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को लगातार दो वर्षों (2021 और 2022 ) में अभियोजन के लिए आईसीआईएस के कार्यान्वयन में प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया है। वहीं प्रदेश में विगत 6 वर्षों में संचारी रोगों के नियंत्रण, विशेष रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश में जेई और एईएस रोग की रोकथाम में अभूतपूर्व सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत लगभग 21.40 लाख गरीब लाभार्थियों का उपचार किया गया है और 1 करोड़ से अधिक परिवारों को आयुष्मान कार्ड वितरित किया गया है।