चंडीगढ़ – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कहा कि पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीजीआईएमएस), रोहतक में जल्द ही स्टेट ट्रांसप्लांट सेंटर शुरू किया जाएगा ताकि किडनी सहित अन्य अंगों के ट्रांसप्लांट को सुगम बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पीजीआईएमएस, रोहतक को और बेहतर बनाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री यहां पीजीआईएमएस, रोहतक की गुर्दा प्रत्यारोपण टीम के सम्मान में आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गुर्दा प्रत्यारोपण करने वाली समस्त टीम को सम्मानित भी किया। गुर्दा प्रत्यारोपण की समस्त टीम को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कहा कि आने वाले समय में उनकी इस सफल पद्धति का लाभ प्रदेश के जरूरतमंद लोगों को ही नहीं बल्कि देश और दुनिया को भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। प्रदेश की जनता को सस्ता और सुगम इलाज उपलब्ध करवाना हमारी प्राथमिकता है। जिस प्रकार पिछले 10 वर्षों में देश में 24 एम्स संचालित हो गए हैं उसी प्रकार हरियाणा में भी स्वास्थ्य की आधारभूत सेवाओं में अभूतपूर्व विकास सुनिश्चित किया गया है। आज हरियाणा में 2 एम्स हैं जिसमे से एक झज्जर ज़िले में संचालित है तो दूसरे एम्स की आधारशिला रेवाड़ी ज़िले में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करना चाहती है ताकि अच्छे डॉक्टर तैयार किये जा सकें और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 18 मेडिकल कॉलेज स्थापित हो चुके हैं तथा अन्य की स्थापना प्रक्रियाधीन है।
सभी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में बनेंगे हेलीपैड – डॉ कमल गुप्ता
इस अवसर पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर कमल गुप्ता ने कहा कि प्रदेश का नागरिक उड्डयन मंत्री होने के नाते मैंने आदेश दे दिए हैं कि सभी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में हेलीपैड भी बनाया जाए ताकि जरूरत पड़ने पर रिसर्च आदि से सम्बंधित कार्यों और ट्रांसप्लांट के मामले में ऑर्गन्स और मरीज़ों को एयरलिफ्ट किया जा सके। साथ ही, उन्होंने पीजीआईएमएस प्रशासन से अनुरोध किया कि जहां भी नए हॉस्टल बने वहां एयरकंडीशन एक का भी प्रावधान करें। इसके लिए राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी। डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि मैं भी इसी संस्थान का छात्र रहा हूं। उन्होंने इसी इंस्टीट्यूट में 1971 में एमबीबीएस में एडमिशन लिया था और 1980 में इसी संस्थान से एमएस की। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी।
आज बहुत से मेडिकल कॉलेज चालू हो गए हैं और बाकी पर काम चल रहा है। डॉ गुप्ता ने कहा कि हरियाणा के स्वास्थ्य क्षेत्र में पीजीआईएमएस के डॉक्टर्स द्वारा गुर्दा प्रत्यारोपण एक परिवर्तनकारी पहल साबित हुई है। उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि डॉक्टर्स इस इंस्टीट्यूट में ऐसा बदलाव लाएं कि मेडिकल के विद्यार्थी पीएमटी टेस्ट में पहली च्वाइस दिल्ली की बजाय पीजीआईएमएस, रोहतक भरें। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा, मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च विभाग के निदेशक डॉ साकेत कुमार, पीजीआईएमएस, रोहतक के निदेशक डॉ एस एस लोहचब, पीजीआईएमएस, रोहतक की वाइस चांसलर प्रोफेसर अनीता सक्सेना सहित अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे।