लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा को यूपी से सीटें जीतने की काफी उम्मीद थी लेकिन बसपा का यूपी समेत देश में खराब प्रदर्शन देखने को मिला। उसे एक भी सीट नहीं मिली। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस लोकसभा चुनाव में अपने भतीजे आकाश आनंद को उम्मीद के साथ मैदान में उतारा था। उसके बाद अचानक आनंद को चुनाव के बीच में ही अपने उत्तराधिकारी और कोऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया और सभाएं बंद करा दी थीं। फिर चर्चा चली कि उनकी फिर धमाकेदार वापसी होने वाली है लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। फिलहाल आकाश आनंद की मुख्य धारा में वापसी नहीं होगी। उसके लिए मायावती सही वक्त का इंतजार कर रही हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक कि 23 जून को होने वाली ऑल इंडिया बैठक में जिला स्तर से लेकर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर तक के सभी पदाधिकारियों को बुलाया गया है। उसमें भी आकाश आनंद मौजूद नहीं रहेंगे। मायावती ने लोकसभा में हुई हार की समीक्षा करने के लिए यह बैठक बुलाई है। इसमें सभी मंडल और सेक्टर प्रभारी हार के कारणों पर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। उसके बाद मायावती जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगी। पूरे देश के पदाधिकारियों की इस बैठक में समीक्षा के साथ ही वह आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगी और निर्देश भी देंगी। माना जा रहा है कि बैठक के बाद संगठन में कई बदलाव हो सकते हैं। कुछ पदाधिकारियों पर ऐक्शन भी लिया जा सकता है।
लोकसभा चुनाव में शुरुआत से लेकर अब तक का बसपा का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। उसे एक भी सीट नहीं मिली और महज 9.39 प्रतिशत ही वोट मिले हैं। इस हार के बाद से ही मायावती लगातार समीक्षा कर रही हैं। उन्होंने पिछले दिनों एक बैठक कर सभी सेक्टर और मंडल प्रभारियों से रिपोर्ट मांगी है। कुछ सेक्टर प्रभारी का मानना है कि संविधान और आरक्षण ही इस चुनाव का अहम मुद्दा रहा। वे कहते हैं कि बसपा हमेशा ही संविधान और आरक्षण की बात करती रही है। इस चुनाव में सपा और कांग्रेस ने इन मु्द्दों को लेकर आक्रामक प्रचार किया। हालांकि बसपा नेताओं का कहना है कि संविधान कोई आसानी से नहीं बदल सकता।