नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के सांसद और सीएम ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी को फिलहाल राहत नहीं मिलती दिख रही है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोलकता हाई कोर्ट के उस निर्देश पर रोक लगाने से मना किया , जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय को बंगाल स्कूल नौकरियों घोटाले के सिलसिले में अभिषेक बनर्जी से पूछताछ करने के लिए कहा गया था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस निर्देश पर भी रोक लगा दी, जिसमें रिकॉल अर्जी दाखिल करने पर उस पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। कोर्ट ने मामले को 10 जुलाई को सूचीबद्ध किया है।
घोटाले के सिलसिले में पूछताछ के लिए सीबीआई द्वारा बुलाने के कुछ दिनों बाद अभिषेक ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों की धमकियां उन्हें सार्वजनिक सेवा से नहीं रोक सकतीं। सीबीआई और ईडी पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं में अभिषेक की कथित भूमिका की जांच कर रही हैं। भर्ती घोटाला 2016 में बंगाल की शिक्षा प्रणाली में हजारों शिक्षकों की भर्ती से संबंधित है। भर्ती प्रक्रिया में विसंगतियों का आरोप लगाकर उच्च न्यायालय में याचिकाओं की एक श्रृंखला दायर की गई थी, और कई मामले अदालत द्वारा उठाए गए थे।
डायमंड हार्बर से तृणमूल कांग्रेस के सांसद बनर्जी ने केंद्रीय एजेंसी को चुनौती दी कि अगर उसके पास उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अथवा कदाचार के सबूत हैं, तब वह उन्हें गिरफ्तार करे। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता बनर्जी ने अपना जनसंपर्क अभियान ‘तृणमूले नवज्वार’सोमवार को पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले से फिर से शुरू किया। बनर्जी ने अपना यह जनसम्पर्क अभियान पिछले सप्ताह शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में सीबीआई द्वारा तलब किए जाने के बाद दो दिनों के लिए स्थगित कर दिया था।