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 हेल्थ, एजुकेशन और पावर ये हैं वो हथियार जिनके दम पर दिल्ली को जीतते आ रहे केजरीवाल

नई दिल्ली । आबकारी घोटाले में फंसे आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कुछ कार्य ऐसे भी हैं, जिन्हें दिल्ली की जनता कभी भूल नहीं सकती। इसमें दिल्ली की स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था में सुधार आदि शामिल है। यही वो काम हैं, जिनकी वजह से केजरीवाल दिल्ली के दुलारे बन जाते हैं। आज भी दिल्ली के लोग कहते हैं पहली बार किसी नेता ने उनके दर्द को समझने की कोशिश की। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आबकारी घोटाले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के बाद गुरुवार की देर शाम प्रवर्तन निदेशालय ने आप के संयोजक को भी अरेस्ट कर लिया।

शुक्रवार को ईडी उन्हें एमपी एमएलए कोर्ट में पेश करेगी। ऐसे में यह सही मौका है कि उनके कुछ ऐसे कार्यों को याद किया जाए, जिनके दम पर वह ना केवल देश की राजनीति को एक नई दिशा देते नजर आ रहे है, बल्कि जनता के भी प्रिय बन जाते हैं। अरविंद केजरीवाल के बड़े कार्यों में दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार है। उन्होंने दिल्ली की सत्ता में आने के बाद कोई नया अस्पताल तो नहीं बनवाया, लेकिन पहले से संचालित अस्पतालों का इस तरह से कायाकल्प करा दिया कि लोग प्राइवेट अस्पतालों से बेहतर सरकारी अस्पतालों को मानने लगे।

इसके लिए डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टॉफ की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की। सभी अस्पतालों में सभी तरह के जांच की व्यवस्था कराई। यदि किसी अस्पताल में किसी बीमारी विशेष की जांच संभव नहीं थी तो मरीज को सरकारी खर्चे पर निजी लैब भेज कर जांच और इलाज की व्यवस्था कराई। पांच साल पहले तक दिल्ली सरकार के कुछ गिने चुने ही अस्पताल थे, जहां सभी तरह की जांच और इलाज की सुविधा थी। ऐसे में इन अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ होती थी। कई बार इस भीड़ की वजह से मरीजों को वापस भी लौटना पड़ जाता था। केजरीवाल ने जनता के इस दर्द को समझा और आज ऐसी स्थिति है कि दिल्ली के किसी भी अस्पताल में सभी तरह की जांच और इलाज की सुविधा है। यहां तक कि छोटी मोटी और मौसमी बीमारियों के इलाज की व्यवस्था घर के नजदीकी मोहल्ला क्लीनिक में कराई।

यह अनूठी योजना दिल्ली में सफल होने के बाद आम आदमी पार्टी ने पंजाब में भी शुरू की है। अरविंद केजरीवाल का दूसरा सराहनीय कार्य दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में सुधार है। आज दिल्ली के स्कूल कई मायने में प्राइवेट स्कूलों को भी मात देते नजर आते हैं। यहां भी अरविंद केजरीवाल ने कोई नया स्कूल नहीं खोला, बल्कि पुराने स्कूलों को ही मॉडर्न बनाने का काम किया। इसी प्रकार अपने चुनावी वायदे के मुताबिक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में फ्री बिजली देने की कोशिश की। इन तीनों ही योजनाओं की वजह से केजरीवाल का दिल्ली मॉडल वैश्विक मानचित्र पर आया। वह ना केवल दिल्ली के दुलारे बन गए, बल्कि कई देशों के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली आकर इस मॉडल को समझने की कोशिश की।

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