चंडीगढ़ – हरित क्रांति में खाद्यानों के उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने में उल्लेखनीय योगदान वाला कृषि प्रधान हरियाणा अब विगत 8 वर्षों में सड़क, रेल व हवाई तंत्र को सुदृढ़ करने में आगे बढ़ रहा है। इन क्षेत्रों में राज्य ने एक नये युग का सूत्रपात किया है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के अथक प्रयासों से केंद्र सरकार ने हरियाणा की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को त्वरित स्वीकृति प्रदान की हैं और अनेकों परियोजनाएं इस कार्यकाल में पूरी भी हुई हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई केंद्रीय मंत्रियों ने स्वयं हरियाणा आकर कई परियोजनाओं का लोकार्पण किया है।
भारतमाला परियोजना के तहत भी प्रदेश में कई नये हाई-वे का काम प्रगति पर है और अब तो प्रदेश के कई शहर 5-5 नेशनल हाई-वे से जुड़ गए हैं, जिससे न केवल लोगों को आवागमन की सुविधा मिली है बल्कि औद्योगिक विकास के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था- को भी मजबूती मिली है। वीरवार को ही हरियाणा को द्वारका एक्सप्रेसवे के रूप में एक और एक्सप्रेस-वे का तोहफा मिला है। 9000 करोड़ रुपए की लागत का 29.6 किलोमीटर लंबाई वाला द्वारका एक्सप्रेसवे देश का पहला एलिवेटेड 8-लेन एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे है, जिसमें 18.9 किमी हिस्सा हरियाणा क्षेत्र में पड़ता है। निश्चित ही हरियाणा वासियों को इसका बहुत लाभ मिलेगा। विशेष रूप से गुरुग्राम को जाम से मुक्ति मिलेगी।
दिल्ली, एनसीआर सहित हरियाणा में यातायात सुगम बनाने पर वर्ष 2014 से ही मुख्यमंत्री का रहा विशेष फोकस – दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यातायात अवरूद्धता से मुख्यमंत्री भली- भांति परिचित थे और उन्होंने वर्ष 2014 में सत्ता संभालते ही लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने की ठान ली थी। सर्वप्रथम उन्होंने हरियाणा के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे, जो लंबे अरसे से राजनीतिक विवादों के कारण सिरे चढ़ नहीं पा रही थी, को न केवल पूरा करवाया बल्कि इसे फोरलेन से छः लेन का करवाया। साथ ही केंद्र सरकार से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के कार्य को भी पूरा करने का आग्रह किया जो सफल रहा। फलस्वरूप दिल्ली से आगे जाने वाले यात्रियों व मालवाहक वाहनों का आवागमन सुगम हुआ।
मेट्रो व रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को भी किया जा रहा है मजबूत – दिल्ली मेट्रो को गुरुग्राम, बल्लभगढ़ तक विस्तारित किया और अब गुरुग्राम से फरीदाबाद के बीच भी मेट्रो प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री के प्रयासों से तैयार किया गया है, जो आगामी 2 वर्षों में पूरा हो जाएगा। इसके अलावा, पलवल से सोनीपत तक रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती प्रदान करने की मुख्यमंत्री की सोच के अनुरूप हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना अस्तित्व में आई। इसके तहत मानेसर से पाटली तक प्राथमिकता खंड का निर्माण कार्य लगभग 176 करोड़ रुपये की लागत से प्रगति पर है और वर्ष 2024 तक पूरा होने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री की पहल पर हरियाणा ने रेलवे परियोजनाओं को तीव्र गति प्रदान करने हेतु रेलवे मंत्रालय के साथ संयुक्त उद्यम के रूप में हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन का गठन किया गया। जिसके तहत रेलवे स्टेशनों का नवीनीकरण, रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण सहित राज्य को मैन्युअल फाटक से मुक्त बनाने जैसे कार्य किये जा रहे हैं। इसके लिए अक्टूबर, 2014 से नवंबर, 2022 तक 104 आर.ओ.बी. और आर.यू.बी. का कार्य शुरू किया गया, जिनमें से 58 आर.ओ.बी. और आर.यू.बी. का कार्य पूरा हो चुका है तथा 46 का कार्य प्रगति पर है। जबकि वर्ष 2023-24 के बजट अभिभाषण में मुख्यमंत्री ने 36 आर.ओ.बी. और आर.यू.बी. के निर्माण का लक्ष्य रखा है।
रोहतक व कुरुक्षेत्र को रेलवे बाईपास बनाया – रेलवे फाटकों के कारण बार-बार यातायात अवरूद्ध होने से लोगों को आ रही परेशानी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इस समस्या के निदान हेतू अधिकारियों को एक नई कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। सबसे पहले रोहतक में एलिवेटेड रेलवे लाइन परियोजना पूरी होने से जिला को रेलवे बाईपास का तोहफा मिला। उसके बाद कुरुक्षेत्र में भी एलिवेटेड रेलवे लाइन परियोजना का कार्य शुरू हुआ, जिसकी इस वर्ष के अंत तक पूरा होने की संभावना है। अब राज्य सरकार ने बहादुरगढ़ और कैथल में भी एलिवेटेड रेलवे लाइन की परियोजना बनाई है।
वर्ष 2023-24 में भी लगभग 5000 किलोमीटर सड़कों के सुधार का रखा लक्ष्य – राज्य में सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ करने की दिशा में प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है। वर्तमान राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान लगभग 2300 करोड़ रुपये से अधिक की राशि से 5460 से अधिक किलोमीटर लंबी नई सड़कों का निमार्ण किया है। इतना ही नहीं, वर्ष 2022-23 के दौरान 311 किलोमीटर से अधिक नई सड़कों का निर्माण और 2954 किलोमीटर सड़कों का सुधार किया गया। जबकि वर्ष 2023-24 में 5000 किलोमीटर सड़कों के सुधार का लक्ष्य रखा है। साथ ही, भीड़ कम करने और सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए सरकार 14 नए बाइपास का निर्माण भी शुरू करेगी।
हवाई तंत्र के संचालन पर भी हरियाणा सरकार का जोर – विगत साढ़े 8 वर्षों में हरियाणा सरकार ने हवाई तंत्र के संचालन पर भी जोर दिया है। हिसार हवाई अड्डे को एविएशन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसका कार्य तेज गति से चल रहा है। करनाल हवाई अड्डे को भी विस्तारित किया जाएगा, जिसके लिए भूमि से संबंधित प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं और इसी वर्ष कार्य शुरू होने की संभावना है। भिवानी व बाछोद नारनौल हवाई पट्टियों के भी विस्तार करने की योजना है। इतना ही नहीं, गुरुग्राम में हेली-हब शुरू करने का भी प्रस्ताव है, जिसका उद्देश्य हेलिकॉप्टरों के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहालिंग की सुविधा प्रदान करना है। इसके अलावा, आपातकालीन स्थिति में हवाई एंबुलेंस के रूप में भी हेली हब से सेवाओं का उपयोग करना भी इसका एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। राज्य सरकार ने हरियाणा में उड्डयन बुनियादी ढांचे के समग्र विकास के लिए हरियाणा हवाई अड्डा विकास निगम बनाया है।