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सरदार सुखदेव सिंह ढ़ींडसा की अगुवाई में शिरोमणी अकाली दल(संयुक्त) का शिरोमणी अकाली दल में हुआ विलय 

चंडीगढ़ : एक ऐतिहासिक घटनाक्रम में शिरोमणी अकाली दल केा आज बहुत बड़ा बढ़ावा मिला, जब उसके अध्यक्ष सरदार सुखदेव सिंह ढ़ींडसा के नेतृत्व में अलग हुए शिरोमणी अकाली दल (संयुक्त) का ‘‘पंथ और पंजाब को मजबूत करने के लिए’’ अकाली दल अध्यक्ष की मौजूदगी विलय हो गया। इस विलय को पंजाब को पटरी पर लाने की संयुक्त जिम्मेदारी बताते हुए अकाली दल (संयुक्त) के अध्यक्ष सरदार सुखदेव सिंह ढ़ींडसा ने कहा,‘‘ हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं में पंथ में एकता लाने के लिए इस विलय के लिए जबरदस्त भावना थी। इसके अलावा पार्टी को लगा कि सरदार सुखबीर सिंह बादल ने 2015 में हुई बेअदबी के मामलों पर हार्दिक खेद व्यक्त किया इसीलिए मैने कल पार्टी के जिला प्रधानों की एक मीटिंग बुलाई तथा उन्होने इस विलय को हरी झंडी दे दी।’’

इससे पहले अकाली दल अध्यक्ष ने पार्टी की वरिष्ठ लीडरशीप के साथ-साथ संगरूर जिले की पूरी लीडरशीप के साथ सरदार ढ़ींडसा के आवास गए। बाद में सरदार ढ़ींडसा के आवास पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए सरदार सुखबीर सिंह बादल ने विलय को ‘‘ दो परिवारों का विलय’’ करार दिया। उन्होने सरदार ढ़ींडसा से अकाली दल के संरक्षक के रूप में जिम्मेदारी लेने की अपील की क्योंकि वह सरदार परकाश सिंह बादल के निधन के बाद सबसे वरिष्ठ नेता हैं। उन्होने कहा कि सरदार ढ़ींडसा ने सरदार बलविंदर सिंह भूंदड़ जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर सरदार परकाश सिंह बादल के साथ निजी कीमतें देने के बाद अकाली दल का निर्माण किया था। उन्होने आज शिरोमणी अकाली दल(संयुक्त) से जुड़े शिरोमणी कमेटी के सदस्यों सहित अकाली दल में शामिल होने वाले सभी नेताओं को पूरा मान और सम्मान देने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर उन्होने पूर्व वित्तमंत्री सरदार परमिंदर सिंह ढ़ींडसा का स्वागत करते हुए पंजाब के प्रति उनके योगदान की सराहना की।

अकाली दल अध्यक्ष ने उन सभी अकाली नेताओं से, जो किसी न किसी बहाने से पार्टी को छोड़ चुके हैं , उनसे दोबारो से अपनी माँ पार्टी में शामिल होने की अपील जारी करते हुए कहा,‘‘ अकेले अकाली दल ही पंजाबियों की आकांक्षाओं की रक्षा करने में सक्षम है।’’ उन्होने कहा, ‘‘ मैं सभी से माफी मांगने के लिए तैयार हूं’’। पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होने दोहराया, ‘‘ मैं बीबी जागीर कौर जी से हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि वे अपनी पार्टी में वापिस लौट आएं।’’इससे पहले पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए सरदार सुखदेव सिंह ढ़ींडसा ने कहा कि वह अपनी पार्टी के सदस्यों के साथ अकाली दल में फिर से शामिल हो गए, क्योंकि पंजाब के लिए यह बेहद जरूरी है। उन्होने कहा,‘‘ आपने देखा है कि कल विधानसभा में क्या हुआ।

पंजाबियों ने कभी किसी मुख्यमंत्री को इस तरह से व्यवहार करते हुए नही देखा है। इसके अलावा कानून और व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और किसानों, वंचित वर्गों और व्यापार और उद्योग के खिलाफ भेदभाव का मुकाबला करने के लिए अकाली दल में एकता की बहुत ज्यादा जरूरत है। उन्होने कहा कि उन्होने हमेशा सुखबीर सिंह बादल को हमेशा अपने बेटे की तरह माना है और अकाली दल अध्यक्ष के रूप में उनका नाम प्रस्तावित किया था।इस अवसर पर सरदार बलविंदर सिंह भूंदड़, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया, डाॅ. दलजीत सिंह चीमा, सरदार गोबिंद सिंह लोंगांवाल, सरदार सुरजीत सिंह रखड़ा, सरदार इकबाल सिंह झूंदा, श्री अनिल जोशी, श्री एन.के.शर्मा तथा सरदार बरजिंदर सिंह मक्खन बराड़ भी मौजूद थे।

इस अवसर पर सरदार सुखदेव सिंह ढ़ींडसा तथा सरदार परमिंदर सिंह ढ़ींडसा के साथ जस्टिस निर्मल सिंह पूर्व विधायक, सरवण सिंह फिल्लौर पूर्व मंत्री, संत बलवीर सिंह घुनस पूर्व विधायक, सुखदेव सिंह सराओ, मनजीत सिंह दसूहा, सुखविंदर सिंह औलख पूर्व विधायक, प्रकाश चंद गर्ग, शिरोमणी कमेटी मैंबरों में जसवंत सिंह पुड़ैण, रामपाल सिंह बहणीवाल, मनजीत सिंह बधियाणा, मलकीत सिंह चंगाल, बलदेव सिंह चुंघा तथा हरदेव सिंह रोंगला, गुरबचन सिंह बच्ची पूर्व ए.एम अजीत सिंह चंदूराइया पूर्व सूचना कमिशनर, मुहम्मद तुफैल मलेरकोटला, सरबजीत सिंह डुमवाली, सतगुर सिंह नमोला जिला अध्यक्ष, जत्थेदार प्रीतपाल सिंह गंढ़ा जिला प्रधान,सुखदेव सिंह चक्क, जसविंदर सिंह प्रिंस प्रधान व्यापार मंडल, हरवेल सिंह माधोपुर, भूपिरसिंह बजरूड़ जिला प्रधान रोपड़, अवतार सिंह जोहल होशियारपुर, हरप्रीत सिंह पन्नू, रमिंदर सिंह रम्मी बरनाला, एडवोकेट गुरविंदर सिंह गिंदी, करमवीर सिंह पन्नू जिला प्रधान, रणधीर सिंह रखड़ा जिला प्रधान, तेजिंदर सिंह संधू पूर्व चेयरमैन, अमरिंदर सिंह मंडीयां, रविंदर सिंह शाहपुर, गुरचरन सिंह नानोकी, रणजीत सिंह दबड़ीखाना, जगतार सिंह राजोआणा जिला प्रधान मोगा, जसवीर सिंह दिओल, भीम सैन, गुरदीप सिंह मकरोड़, जयपाल सैणी, गुरमीत सिंह जोहल, रूप सिंह शेरों, राकेश बनारसी, मनिंदरपाल सिंह बराड़, कृष्ण बंगा, मनसां, गुरचरन सिंह चन्ना , गगन बादलगढ़, भीम प्रधान मूणक, राम निवास पूर्व चेयरमैन, प्रकाश सलाणा, बिटटू मूणक, धरमपाल सिंह धरमू, कुलदीप सिंह बुगर, अमनवीर सिंह चैरी, रूबल गिल, अजीत सिंह कुतबा पूर्व चेयरमैन, परमजीत सिंह बाठ, मनीश बरनाला, यादविंदर सिंह निरमाण, दविंदर सिंह सोढ़ी, सुखविंदर सिंह डिंपी दातेवाल, तरसेम सिंह नागरा, रविंदर सिंह रम्मी, हरप्रीत सिंह ढ़ींडसा, विजेलोकेश संगरूर, संदीप दानीया, गोपाल शर्मा, कृष्ण बंगा ,चमकौर सिंह बादलगढ़ तथा राकेश बनारसी भी अकाली दल में शामिल हुए।

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