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PM मोदी ने 1946 करोड़ के खर्च से निर्मित 42,441 आवासों में परिवारों को कराया गृह प्रवेश

गांधीनगर :  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित अमृत आवासोत्सव कार्यक्रम में गुजरात को रु. 2452 करोड़ के विभिन्न विकास प्रकल्पों का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया| जिसमें 1946 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित 42441 आवास भी शामिल हैं| पीएम मोदी ने कई लाभार्थी परिवारों का आज गृह प्रवेश भी कराया| इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पीएम-आवास योजना (पीएमएवाई) से आवास क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है, इससे गरीब और मध्यम वर्ग को लाभ हुआ है। समृद्ध राष्ट्र के निर्माण के लिए हम मजबूत इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहे हैं। राष्ट्र निर्माण हमारे लिए निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, इसलिए ही हमने सेवा के माध्यम से यह महायज्ञ शुरू किया है। हमने देश के विकास के लिए किसी भी प्रकार के जाति के भेदभाव के बिना लगातार कार्यरत रहने का संकल्प किया है। धर्मनिरपेक्षता की यह सच्ची पहचान हमने स्थापित की है। घर आस्था का प्रतीक है, जहां सपने देखे जाते हैं और साकार भी होते हैं, वही परिवार का भविष्य तय करते हैं।

गुजरात ने देश में अव्वल स्थान पर रहते हुए ‘अपना घर’ का सपना साकार कर देश के अन्य राज्यों को दिशा दिखाई है। शुक्रवार को गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में प्रधानमंत्री ने गुजरात में गृह प्रवेश करने वाले लाभार्थियों के साथ ‘अपना घर’ का सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत और समयबद्ध तरीके से काम को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल की टीम को विशेष रूप से बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने पानी, औद्योगिक विकास, सड़कें और ढांचागत सुविधाओं के कार्यों के लिए भी गुजरात सरकार की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में विकास प्रक्रिया ने जिस तरह से रफ्तार पकड़ी है, वह देखकर मुझे बेहद प्रसन्नता हुई है। गरीब कल्याण के लिए समर्पित गुजरात सरकार ने इस वर्ष 3 लाख करोड़ रुपए का बजट बनाया है। इतना ही नहीं, गरीबों और वंचितों के लिए भी गुजरात सरकार ने अनेक निर्णय लिए हैं, जिसके अंतर्गत लगभग 25 लाख लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड दिए गए हैं और 2 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं का प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत समावेश किया गया है।

गुजरात में स्वास्थ्य उन्मुख सुविधाओं में वृद्धि के लिए 4 नए मेडिकल कॉलेजों को स्वीकृति दी गई है, साथ ही राज्य में आधुनिक अवसंरचना सुविधाएं विकसित करने का आयोजन किया है, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर रोजगार के नए अवसरों का निर्माण हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में डबल इंजन की सरकार डबल गति से विकास के कार्य कर रही है। पहले की सरकारों के दौरान देशवासियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया था और लोगों ने भी इन सुविधाओं के अभाव को स्वीकार कर लिया था, लेकिन देश अब इस निराशा से बाहर आ रहा है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार इस निराशा और सुविधाओं के अभाव को दूर कर देशवासियों के सपने साकार कर रही है। हमारी सरकार की विभिन्न योजनाएं सभी लाभार्थियों तक पहुंची हैं। सरकार के इस दृष्टिकोण से भ्रष्टाचार और भेदभाव दूर हुआ है।

” प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा “हमारी सरकार किसी भी जाति, धर्म या पहचान को नहीं मानती है, हम तो जरूरतमंद को उसका हक देने के लिए बिना किसी भेदभाव के सभी को समान अधिकार के साथ विकास की भेंट देते हैं। सरकारी योजनाओं में सभी को उनका हक पहुंचाने के संकल्प के साथ हम कार्यरत हैं।”पीएम मोदी ने कहा कि गरीब परिवार की प्राथमिकता क्या होती है? इस बात की निरंतर फिक्र करें, तभी पता चलेगा कि उसकी जरूरतें क्या हैं। उसे ध्यान में रखकर हमारी सरकार आगे बढ़ रही है और इसलिए ही उन्हें यह अनुभूति हो रही है कि यह अपनी सरकार है। गरीब परिवारों के ‘अपने घर’ का सपना साकार करने के लिए गुजरात ने 40 हजार से अधिक आवास तैयार किए हैं। हम पर लोगों का यह विश्वास बढ़ रहा है, इसीलिए समाज हमारे साथ खड़ा है।

उन्होंने कहा कि गरीबों एवं वंचितों की सेवा के लिए अतीत की सरकारों और हमारी सरकार का दृष्टिकोण अलग है। अतीत में गरीबों को दिए जाने वाले घर में भ्रष्टाचार के कारण कोई सुविधाएं नहीं मिलती थीं, जबकि आज घर के साथ विभिन्न योजनाओं के तहत बिजली, गैस, नल से जल, शौचालय और पक्की सड़क सहित तमाम सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं क्योंकि घर प्रत्येक व्यक्ति के लिए आस्था का स्थल है, जहां सपने साकार होते हैं, जहां उस परिवार का वर्तमान और भविष्य तय होता है। हमने घर को केवल सिर ढंकने की छत तक सीमित न रखते हुए गरीबी के खिलाफ युद्ध का एक मजबूत आधार तथा गरीबों के सशक्तिकरण और गौरव का माध्यम बनाया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के बाद हमारी सरकार ने गरीबों को ‘अपना घर’ प्रदान करने के साथ गरीबी के विरुद्ध लड़ने का संकल्प किया है। दिल्ली या गांधीनगर नहीं बल्कि लाभार्थी स्वयं यह तय करता है कि उसका घर और उसमें सुविधाएं कैसी होनी चाहिए।

इसके लिए पूरा पैसा भी हम प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए लाभार्थी के बैंक खाते में ही जमा करते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बनने वाला आवास केवल एक योजना तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वह अनेक योजनाओं का पैकेज है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले ऐसी सुविधाओं के लिए लाभार्थी को सरकारी कार्यालयों के धक्के खाने पड़ते थे। आज हम 100 फीसदी सैचुरेशन के संकल्प के साथ खुद चलकर गरीबों तक पहुंचकर सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। आज गरीबों को घर के साथ मुफ्त राशन और मुफ्त उपचार सहित सुरक्षा कवच भी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता देते हैं। पहले के समय में समाज में कोई महिलाओं के नाम पर संपत्ति नहीं खरीदता था, हमने महिलाओं को संपत्ति का हक दिया है। गत 9 वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत जो आवास बनाए गए उनमें से 70 फीसदी घर महिलाओं के नाम पर रजिस्टर्ड हुए हैं यानी पहली बार महिलाओं के नाम पर संपत्ति का पंजीकरण हुआ है।

हमने माता-बहनों के नाम पर सरकारी योजनाओं के लाभ प्रदान कर महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाया है। हमने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाखों की कीमत के आवास बनाकर करोड़ों महिलाओं को लखपति बनाया है। देश के कोने-कोने से लखपति दीदीयां मुझे आशीर्वाद देती हैं, ताकि मैं देश के लिए काम कर सकूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश भर में आधुनिक तकनीक से सुविधायुक्त आवासों के निर्माण के लिए लाइट हाउस प्रोजेक्ट के अंतर्गत देश के 6 शहरों का चयन किया गया है। इसके अंतर्गत राजकोट शहर में भी 1,000 आवासों का निर्माण किया गया है। लाइट हाउस प्रोजेक्ट से लोगों को आने वाले समय में और भी सस्ते और आधुनिक घर मिलेंगे। रियल एस्टेट सेक्टर में स्कीम शुरू होने के दौरान आवास की जो डिजाइन-सुविधा देने की बात होती थी, योजना के पूरा होने पर वह डिजाइन-सुविधा आवास में होती ही नहीं थी। इसके लिए गुजरात में रेरा कानून लागू किया गया और तब से जो निर्धारित की गई है, उसी तरह की डिजाइन-सुविधायुक्त मकान देना पड़ता है, वरना जेल जाना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने 5,00,000 परिवारों को ब्याज सहायता के रूप में 11,000 करोड़ रुपए की मदद की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष अर्थात अमृत काल में टीयर-2 और टीयर-3 शहरो में विकास को और अधिक गति देनी है। भारत के 500 शहरों को अमृत मिशन के तहत शामिल किया गया है। वहीं, 100 शहरों का स्मार्ट सिटी मिशन के तहत समावेश कर आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इन शहरों में ‘क्वालिटी ऑफ लाइफ’ पर जोर दिया जा रहा है। आज, हम शहरी आयोजन में ‘ईज ऑफ लिविंग’ और ‘क्वालिटी ऑफ लाइफ’ पर समान जोर दे रहे हैं। शहरों को मेट्रो जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि देश में वर्ष 2014 से पहले केवल 250 किलोमीटर का ही मेट्रो रेल नेटवर्क था जबकि गत 9 वर्षों में 600 किलोमीटर मेट्रो रेल नेटवर्क विकसित कर भारत के 20 शहरों में नागरिकों के लिए मेट्रो की श्रेष्ठ सुविधा शुरू की है।

गुजरात में भी अहमदाबाद में मेट्रो की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिसे आगामी समय में गांधीनगर लिंक सिटी के साथ जोड़ा जाएगा। इस सुविधा के चलते शहरों में बढ़ते यातायात के दबाव में कमी आई है। इसके अलावा, परिवहन के लिए ई-बस की सुविधा भी उपलब्ध कराकर पर्यावरण के जतन का प्रयास भी किया जा रहा है। शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगातार सुविधाओं में वृद्धि की जा रही है, जिसके चलते ग्रामीण जीवन स्तर ऊंचा उठा है।

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