नई दिल्ली। लोकसभा में पेश लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक, 2024 के तहत मुख्य जोर परीक्षा के लिए तैयार किए गए प्रश्न-पत्रों तक पहुंच हासिल करने और उन्हें उम्मीदवारों तक पहुंचाने के लिए अनुचित तरीकों से शामिल संगठित गिरोहों पर नकेल कसने पर दिया जाएगा। इसके दायरे में फिलहाल संघ लोकसेवा आयोग, बैंकिंग, नीट, जेईई, एसएसबी, आरआरबी और सीयूईटी आदि परीक्षाएं आएंगी।प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए मंगलवार को लोक परीक्षा (अनुचित साधन रोकथाम) विधेयक, 2024 संसद में पास हो गया। अब परीक्षा की शुचिता को भंग करने के अपराध के लिए नया कानून बनेगा।
इसमें अनियमितता और गड़बड़ी पर अधिकतम 1 से 10 साल तक की जेल और 3 से 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान हो सकता है। लोक परीक्षा (अनुचित साधन रोकथाम) विधेयक, 2024 सोमवार को संसद में पेश किया गया था जो कि मंगलवार को पास भी हो गया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में इस विधेयक को मंजूरी दी थी। इस कानून के तहत विद्यार्थियों को निशाना नहीं बनाया जाएगा, बल्कि इसमें संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है।
विधेयक में एक उच्च-स्तरीय तकनीकी समिति का भी प्रस्ताव है, जो कम्प्यूटर के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी। यह एक केंद्रीय कानून होगा और इसके दायरे में संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी आएंगी। सूत्रों ने बताया कि परीक्षा पत्र लीक होना एक राष्ट्रव्यापी समस्या बन गयी है, इसलिए अपनी तरह का पहला केंद्रीय कानून लाने की आवश्यकता महसूस की गयी। गुजरात जैसे कुछ राज्य इस समस्या से निपटने के लिए अपने कानून लेकर आए हैं।
पिछले साल परीक्षा पत्र लीक होने के बाद राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा, हरियाणा में ग्रुप-डी पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी), गुजरात में कनिष्ठ लिपिकों के लिए भर्ती परीक्षा और बिहार में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा समेत अन्य परीक्षाएं रद्द की गई थीं। नए कानून के तहत दस वर्ष तक की कैद और एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। जाहिर है, इस स्तर की सख्ती किसी को भी परीक्षा से संबंधित गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने से रोकेगी। मगर ध्यान रखने की जरूरत है कि प्रश्न-पत्र लीक कराने से लेकर अन्य किसी भी प्रकार की गड़बड़ी करने वाले गिरोह दरअसल परीक्षा आयोजन से जुड़े तंत्र में घुसपैठ करके भ्रष्ट गतिविधियों को अंजाम देते हैं। इसलिए सजा में सख्ती के साथ इस तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए एक ठोस तंत्र की जरूरत है