चण्डीगढ़ – हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने में केंद्र और राज्य सरकार के प्रयास सार्थक हुए है। अब महोत्सव का आयोजन विदेशों में किया जा चुका है और आने वाले समय में भी अलग-अलग देशों में गीता महोत्सव के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस महोत्सव के संदेश को विदेशों तक पहुंचाने में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
बंडारू दत्तात्रेय अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 के अवसर पर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड(केडीबी) के सभागार में बनाए गए मीडिया सेंटर का उद्घाटन करने उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि कुरुक्षेत्र एक आध्यात्मिक, धार्मिक और शिक्षा का केन्द्र है। इस महान भूमि की धूल को मानव अपने माथे पर लगाकर स्वयं को धन्य मानता है। इसे भारत की प्राचीन संस्कृति का उद्गम स्थल भी कहा जाता है। कुरुक्षेत्र विश्व भर में ऋषियों-मुनियों तथा देवताओं की तपोस्थली, कर्मभूमि और यज्ञ भूमि के रूप में विख्यात है।
उन्होंने कहा कि प्रैस को प्रजातंत्र का चौथा स्तम्भ भी कहा जाता है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि देश की आजादी से पहले भारत को आजाद करवाने और आजादी के बाद भी प्रैस ने राष्ट्र-निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाते हुए अपनी उपयोगिता को पूरी शक्ति के साथ प्रमाणित किया है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के गठन के पश्चात 48 कोस कुरुक्षेत्र भूमि के तीर्थों का विकास कार्य प्रारम्भ हुआ। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इस क्षेत्र में सैंकड़ों तीर्थ फैले हुए हैं जिनमें से बोर्ड द्वारा अभी तक लगभग एक सौ चौंसठ (164) तीर्थों का दस्तावेजीकरण किया जा चुका है। कुरुक्षेत्र एक धर्मनगरी, कर्मनगरी, पुण्य भूमि और मोक्ष की भूमि है। गीता को विद्यार्थियों के बीच में ले जाकर उन्हें पवित्र ग्रंथ गीता के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।