चैन्नई । चक्रवाती तूफान मिचौंग ने चेन्नई को भीषण तबाही के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है। तूफान के कारण चैन्नई के साथ-साथ अन्य जिलों में भी जमकर बारिश हुई, जिसके कारण सड़कें और घर जलमग्न हो गए। यहां अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि न दूध मिल रहा न पीने का पानी ही उपलब्ध है। इसके साथ बिजली संकट की समस्या तक पैदा हो गई। वैसे तो मिचौंग अब कमजोर पड़ गया है लेकिन उसका असर अभी तक कई जिलों और इलाकों में दिख रहा है। चेन्नई और उसके उपनगरों के कुछ हिस्सों में लोग अभी भी रुके हुए पानी और बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं। इस बीच राहत व बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं।
वहीं आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए गुरुवार को तमिलनाडु का दौरा करने वाले हैं। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने भीषण बाढ़ के कारण चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और चेंगलपट्टू के सभी स्कूलों और कॉलेजों की छुट्टियां गुरुवार तक बढ़ा दी हैं। पल्लावरम, तांबरम, वंडालूर, थिरुपोरूर, चेंगलपट्टू और थिरुकाझुकुंड्रम में शैक्षणिक संस्थान आज बंद रहेंगे। भीषण बाढ़ के कारण लोगों को दूध, पीने के पानी और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
चेन्नई में बाढ़ के चलते इन सभी चीजों की आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई है। लोगों के बेवजद खरीदारी के चलते भी दैनिक आवश्यक वस्तुओं की कमी का संकट और गहरा गया है। बताया जा रहा है कि चक्रवात से पहले हुई मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ में 17 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से ज्यादातर मौतें चेन्नई में हुई है। हालांकि बाढ़ के दौरान बचावकर्मियों ने लोगों को उनके घरों से बाहर निकालने के लिए इन्फ्लेटेबल राफ्ट और रस्सियों का इस्तेमाल किया। जबकि पानी से घिरे लोगों ने जैसे ही मदद की गुहार लगाई, तो लोगों को ऊंचे स्थानों पर ले जाने के लिए नावें उलब्ध कराई गईं।