चंडीगढ़ – हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आज नेशनल हाईवे तथा पीडब्ल्यूडी विभाग के 8500 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाले क़रीब चार दर्ज़न प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की। इन सभी प्रोजेक्ट्स की 25-25 करोड़ रूपये से अधिक की लागत अनुमानित की गई थी। मात्र तीन प्रोजेक्ट्स को छोड़कर बाकी सभी प्रोजेक्ट्स दी गई समय अवधि में पूरे हो जाएंगे।
डिप्टी सीएम ने यहाँ हरियाणा निवास चंडीगढ़ में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि हालांकि वन विभाग की क्लीयरेन्स मिलने में कुछ प्रोजेक्ट्स के शुरू करने में देरी अवश्य हुई है परन्तु हमने तब तक सडकों को चौड़ा करने की बजाए मजबूत करने का कार्य किया। दुष्यंत चौटाला ने बताया कि उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 5000 एकड़ भूमि का लैंड-बैंक तैयार कर लें ताकि प्रोजेक्ट्स के शुरू करने में देरी न हो , वर्तमान में 550 एकड़ भूमि ई-भूमि पोर्टल पर अपलोड कर दी गई है।
उपमुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि एनएच-9 और एनएच-51 को जोड़ने वाली 8.5 किलोमीटर लम्बी फोरलेन सड़क (तलवंडी राणा चौक से मिर्जापुर चौक तक ) के लिए “नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया” ने मंजूरी दे दी है , जल्द ही इसका कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कैथल -राजगढ़ रोड पर सिरसौद-बिचपड़ी , चौधरीवास , मुकलान , सच्चाखेड़ा गांवों में एनएचएआई ने बाईपास बनाने की मंजूरी दे दी है , इससे जहां ग्रामीणों को भारी ट्रैफिक से निजात मिलेगी वहीँ संभावित दुर्घटनाओं से भी बचाव होगा। उक्त गांवों में कई व्यक्ति दुर्घटनाओं में अपनी जान से हाथ धो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि जींद शहर और उचाना क़स्बा का रिंग रोड बनाया जाएगा, इसकी स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने यह भी बताया कि झज्जर जिला के छुछकवास गॉंव में बाईपास बनाने के लिए 74 प्रतिशत जमीन ई-भूमि पर अपलोड हो चुकी है बाकी भूमि के लिए लोगों को प्रेरित करने हेतु संबंधित क्षेत्र के विधायक से भी अनुरोध किया है। उन्होंने चीका और पुन्हाना बाईपास के लिए की जा रही कार्रवाई बारे भी जानकारी दी। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि फिलहाल 16 बाईपास बनाने की प्रक्रिया जारी है जिनमे से 11 बाईपास के लिए ई -भूमि पर सहमति आ चुकी है। इससे पूर्व अधिकारियों की बैठक में पीडब्ल्यूडी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी के अलावा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थोत थे।