नई दिल्ली। चंद्रयान-3 और सूर्ययान की सफलता से उत्साहित पूरे देश की नजरें गगनयान पर हैं। वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों के चलते शनिवार को सुबह 10 बजे व्हीकल टेस्ट फ्लाइट (टीवी-डी1) सफल लांचिंग हुई है। पहले यह लांचिंग सुबह 8.30 से 9.00 बजे के बीच होना थी, लेकिन तकनीकी खराबी के चलते करीब डेढ़ घंटे देरी से यह लांचिंग हो पाई है।गगनयान के पहले टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन -1 (टीवी-डी1) को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। जिसको वापस पैराशूट के जरिए बंगाल की खाड़ी में लैंडिंग कराया गया। जो 2025 में अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाएगा।
इसरो गगनयान मिशन के तहत मानव सहित यान अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है। इसमें अंतरिक्ष यात्री तीन दिन मिशन में रहकर वापस धरती की तरफ लौटेंगे। मिशन को सफल बनाने और यात्रियों को सही-सलामत लाने के लिए इसरो की तरफ से ये परीक्षण किए जा रहे हैं। गगनयान परियोजना को 90 बिलियन रुपये की लागत से विकसित किया गया है। इसका लक्ष्य अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किमी (248 मील) की कक्षा में भेजना और तीन दिन बाद वापस लाना है। अगर यह सफल हुआ तो रूस (तत्कालीन सोवियत संघ), अमेरिका और चीन के बाद भारत अंतरिक्ष में मानव भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा।