नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने देश में सीवर सफाई के दौरान होने वाली मौत की घटनाओं पर गंभीर रुख अपनाकर बड़ी बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी अधिकारियों को मरने वालों के परिजनों को 30 लाख रुपये का मुआवजा देना होगा। न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि सीवर की सफाई के दौरान स्थायी दिव्यांगता का शिकार होने वालों को न्यूनतम मुआवजे के रूप में 20 लाख रुपये का भुगतान किया जाए। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, केंद्र और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हाथ से मैला ढोने की प्रथा पूरी तरह खत्म हो।
फैसला सुनाकर न्यायमूर्ति भट ने कहा कि यदि सफाईकर्मी अन्य दिव्यांगता से ग्रस्त है, तब अधिकारियों को 10 लाख रुपये तक का भुगतान करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कई निर्देश जारी किए, जिन्हें पढ़ा नहीं गया। पीठ ने निर्देश दिया कि सरकारी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने के लिए समन्वय करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं न हों और इसके अलावा, उच्च न्यायालयों को सीवर से होने वाली मौतों से संबंधित मामलों की निगरानी करने से न रोका जाए। यह फैसला एक जनहित याचिका पर आया है।