HomeHealth & Fitnessरोज़ाना संतरा खाने से डिप्रेशन का खतरा होता है कम

रोज़ाना संतरा खाने से डिप्रेशन का खतरा होता है कम

Health Time :  सेब से भी ज्यादा फायदेमंद एक और फल है, वह है संतारा, जो मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल द्वारा किए गए एक शोध में पाया गया है कि रोज़ाना संतरा खाने से डिप्रेशन का खतरा 20प्रतिशत तक कम हो सकता है।यह अध्ययन 2024 के अंत में 30,000 से अधिक महिलाओं के डेटा का विश्लेषण कर किया गया। शोध के अनुसार, जो महिलाएं खट्टे फलों का अधिक सेवन करती हैं, उनमें अवसाद विकसित होने की संभावना अन्य महिलाओं की तुलना में काफी कम होती है।

वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन के दौरान यह भी देखा कि मानव शरीर के लगभग 90 प्रतिशत सेरोटोनिन और 50प्रतिशत से अधिक डोपामाइन, जो मूड को नियंत्रित करने वाले महत्वपूर्ण न्यूरोट्रांसमीटर हैं, आंत में ही बनते हैं। इसका मतलब यह है कि यदि गट हेल्दी रहेगा, तो मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।स्टडी के दौरान यह भी पाया गया कि संतरे जैसे खट्टे फलों का नियमित सेवन करने से फेकैलिबैक्टीरियम प्रौसनिट्जी नामक लाभकारी गट बैक्टीरिया की संख्या में वृद्धि होती है। यह बैक्टीरिया अपने सूजन-रोधी गुणों के लिए जाना जाता है और सेरोटोनिन तथा डोपामाइन को मस्तिष्क तक पहुंचाने में मदद करता है।

यही कारण है कि संतरा खाने वाले लोगों का मूड अन्य लोगों की तुलना में अधिक स्थिर और सकारात्मक रहता है।शोधकर्ताओं ने बताया कि इस अध्ययन का उद्देश्य अवसादरोधी दवाओं के विकल्प के रूप में संतरे के प्रभाव का मूल्यांकन करना नहीं था, बल्कि यह समझना था कि प्राकृतिक खाद्य पदार्थ मानसिक स्वास्थ्य को किस हद तक प्रभावित कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आप अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो संतरे को अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें। हालांकि, यह निष्कर्ष निकाला गया कि संतरे जैसे खट्टे फल नियमित रूप से खाने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है और अवसाद विकसित होने का खतरा कम हो जाता है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments