नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को राहत देते हुए मानहानि मामले में व्यक्तिगत पेशी से छूट जारी रखी। दरअसल कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने शिवराज सिंह चौहान, मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। तन्खा का आरोप है कि राजनीतिक फायदे के लिए उनकी छवि को खराब किया गया। तन्खा का कहना है कि उन्हें साल 2012 में मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण का विरोधी बताया गया।
जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने मामले पर सुनवाई 26 मार्च तक टाल दी और तब तक सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से पेश होने में भी छूट दे दी। शिवराज सिंह चौहान की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि तन्खा ने जिस पर आपत्ति की है, वह बयान सदन में दिया गया था और वह संविधान के अनुच्छेद 194(2) के तहत आता है। इससे पहले मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ दायर मानहानि के मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने शिवराज सिंह चौहान समेत तीनों भाजपा नेताओं के खिलाफ जारी वारंट के निष्पादन पर रोक लगा दी।