Health Time : आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार, अलग-अलग फलों और सब्जियों के रस का सेवन विभिन्न बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। गर्मी के मौसम में जूस पीना सेहत के लिए बेहद लाभदायक होता है, लेकिन यह जानना जरूरी है कि कौन-सा जूस किस बीमारी में फायदेमंद रहेगा।भूख कम लगने की समस्या में सुबह खाली पेट नींबू पानी पीना लाभकारी होता है। इसके अलावा, अदरक में सैंधा नमक मिलाकर लेने से भी भूख बढ़ती है। वहीं, खून साफ करने के लिए गाजर, चुकंदर, पालक, नीम, तुलसी, बेल के पत्ते और गोभी का रस पीना चाहिए। इससे त्वचा भी निखरती है। दमा के मरीजों के लिए लहसुन, अदरक, तुलसी, चुकंदर, गाजर और मीठे अंगूर का रस फायदेमंद होता है।
ऐसे मरीजों को घी, मक्खन और तेल से परहेज करना चाहिए। हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए गाजर, अंगूर, मौसमी और गेहूं के ज्वारों का रस लाभकारी है। पीलिया होने पर अंगूर, सेब, रसभरी और मौसमी का रस पीना चाहिए। एसिडिटी की समस्या में गाजर, पालक, तुलसी, अंगूर और मौसमी का रस फायदेमंद होता है, जबकि अल्सर के रोगियों को गाजर, गोभी और अंगूर के रस का सेवन करना चाहिए। सौंदर्य बढ़ाने के लिए नारियल पानी या बबूल का रस पीना उपयोगी है। नारियल पानी से चेहरा धोने से भी त्वचा में निखार आता है। मुंहासों के दाग हटाने के लिए गाजर, तरबूज, प्याज, तुलसी और एलोवेरा का रस लेना चाहिए। फोड़े-फुंसियों में गाजर, पालक, ककड़ी, गोभी और नारियल का रस फायदेमंद होता है।
कैंसर के मरीजों को गेहूं के ज्वारों, गाजर और अंगूर का रस पीने की सलाह दी जाती है। सर्दी और खांसी में मूली, अदरक, लहसुन, तुलसी और गाजर का रस फायदेमंद होता है। ब्रोंकाइटिस में पपीता, गाजर, अदरक और अनन्नास का रस लाभकारी माना जाता है। वजन घटाने के लिए अनन्नास, तरबूज, लौकी और नींबू का रस सबसे प्रभावी माने जाते हैं, जबकि वजन बढ़ाने के लिए पालक, गाजर, चुकंदर और नारियल का रस पीना चाहिए। डायबिटीज के लिए करेला, गोभी, पालक, नारियल और गाजर का रस लाभकारी होता है। पथरी के रोगी ककड़ी का रस पी सकते हैं लेकिन पालक और टमाटर से परहेज करें।