नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच जमी बर्फ अब तेजी से पिघलनी शुरू हो रही है। इसकी शुरूआत पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच कजान में वार्ता से हुई। इसका असर जमीन पर भी दिखाई देने लगा है। रिश्तों में सुधार हो रहा है। इसमें सबसे पहला चरण था एलएसी पर तनाव कम होना। दोनों देशों की सेनाएं अपने अपने इलाके में सामान्य गश्त कर रही है। साथ ही साल 2020 के बाद से बंद मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने का रास्ता साफ हो गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ किया कि चीन के साथ हमारी बात चल रही है। अन्य मुद्दों को धीरे धीरे आगे बढ़ाया जा रहा है। उम्मीद है की कैलाश मानसरोवर यात्रा जल्द शुरू होगी। हम लोग इसकी तैयारी तक रहे हैं। जल्द ही लोगों के लिए नोटिस भी जारी करेंगे।
मानसरोवर यात्रा का आयोजन हर साल जून से सितंबर के बीच होता है। भारत कोरोना के चलते साल 2020 में यह यात्रा बंद हो गई। उसके बाद पूर्वी लद्दाख में तनाव ने इस यात्रा को शुरू होने नहीं दिया। इस मसले को भारत ने कूटनीतिक स्तर पर चीन के साथ उठाया। मानसरोवर यात्रा पर संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि 18 नवंबर 2024 में रियो डी जिनेरो में G-20 समिट के दौरान विदेश मंत्री एस। जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। इस बैठक में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का मुद्दा उठाया गया था। इसके बाद पिछले साल 18 दिसंबर को स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी। इसके अलावा 27 जनवरी 2025 को भारत के विदेश सचिव ने चीन के उप विदेश मंत्री से मुलाकात की थी। इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि 2025 के गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू किया जाएगा। मानसरोवर यात्रा की शुरूआत भारत और चीन के डिप्लोमेटिक रिश्ते के 75 साल पूरे होने के मौके पर हो रहे है।