चंडीगढ़ : पंजाब के शहरी विकास में क्रांति लाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने राज्य के शहरों में विश्व स्तरीय सडक़ें और गलियां विकसित करने की एक महत्वपूर्ण परियोजना शुरू करने की घोषणा की। यह पहल पंजाब के लिए एक ऐतिहासिक पहल है, जिसके पहले चरण में तीन बड़े शहर—अमृतसर, लुधियाना और जालंधर को चुना गया है। ये शहर जल्द ही 140 करोड़ रुपये से अधिक की इस परियोजना के तहत अपनी 42 किलोमीटर लंबी प्रमुख सडक़ों और गलियों को डिज़ाइन किए गए शहरी स्थानों में तब्दील होते देखेंगे।
यहां पंजाब भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस परियोजना की सफलता पर भरोसा जताते हुए कहा कि इसके परिणामों और जनता से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर इसे पूरे पंजाब में लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत चार प्रमुख गतिविधियों की रूपरेखा तैयार की गई है, जो शहर की सडक़ों के स्वरूप को नया आकार देंगी। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक की रुकावटों को दूर करने, सडक़ की समान चौड़ाई सुनिश्चित करने और बार-बार होने वाले नुकसान को रोकने के लिए ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करते हुए सडक़ों को व्यापक रूप से डिज़ाइन किया जाएगा।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इस पहल के तहत धूल प्रदूषण को रोकने के लिए लैंडस्केपिंग के माध्यम से आकर्षक फुटपाथों का निर्माण भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्ट्रीट लाइट्स, बस स्टॉप और जल आपूर्ति लाइनों जैसी सेवाओं को यातायात और कार्यक्षमता को बेहतर बनाने के लिए पुन: व्यवस्थित किया जाएगा। वित्त मंत्री ने बताया कि इस परियोजना में जवाबदेही और दीर्घकालिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से एक मजबूत रखरखाव योजना को शामिल किया गया है, जिसके तहत सडक़ों के विकास का ठेका लेने वाले ठेकेदार अगले दस वर्षों तक संबंधित परियोजना की देखभाल सुनिश्चित करेंगे।
अधिक जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह पहल तीन अलग-अलग चरणों में शुरू होगी। पहला चरण डिज़ाइन पर केंद्रित होगा, जिसके तहत शीर्ष शहरी योजनाकारों और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा चार महीने की अवधि में विस्तृत रूपरेखा तैयार की जाएगी। दूसरे चरण में आठ महीने की निर्माण अवधि होगी, जिसमें प्रमुख निर्माण एजेंसियां अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार इन डिज़ाइनों को साकार करेंगी। उन्होंने बताया कि अंतिम चरण में आधुनिक उपकरणों के उपयोग से नियमित मशीनरी सफाई के साथ-साथ निर्माण एजेंसियों द्वारा एक दशक तक रखरखाव की प्रतिबद्धता को सुनिश्चित किया जाएगा।इस परियोजना के लिए अमृतसर, लुधियाना और जालंधर की सडक़ों का चयन बहुत सोच-समझकर किया गया है।
अमृतसर में मजीठा रोड (फोर एस चौक से गुरु नानक अस्पताल तक) – 3 किमी, कोर्ट रोड (रियाल्टो चौक से क्वीन रोड तक) – 1 किमी, हाल गेट के बाहर शुभम रोड (सर्कुलर रोड जो सभी गेटों को जोड़ती है) – 7 किमी, अमृतसर कैंट रोड (कैंट चौक से कचहरी चौक से रतन सिंह चौक तक) – 1.5 किमी, रेस कोर्स रोड (दसौंधा सिंह रोड से लॉरेंस रोड से कूपर रोड तक) – 3 किमी, गोलबाग रोड (हाथी गेट चौक से भगवान परशुराम चौक से कुश्ती स्टेडियम से हाल गेट तक) – 1.5 किमी और जी.टी. रोड (भंडारी से हाल गेट तक) – 0.5 किमी सहित कुल 17.5 किमी लंबी सात सडक़ों को अपग्रेड किया जाएगा।लुधियाना की परियोजना क्षेत्र 12.4 किलोमीटर का होगी, जिसमें पुरानी जी.टी. रोड (शेरपुर चौक से जगराओं पुल) – 6.5 किमी, चौड़ा बाजार (क्लॉक टॉवर से) – 1.7 किमी, और घुमार मंडी रोड (फव्वारा चौक से आरती सिनेमा तक) – 4 किमी जैसी सडक़ें शामिल हैं।
जालंधर में 12.3 किलोमीटर लंबी सडक़ों का कायाकल्प किया जाएगा, जिनमें एच.एम.वी. रोड (मकसूदा चौक से जेल चौक) – 3.4 किमी, आदर्श नगर रोड और टांडा रोड (जेल चौक से पठानकोट रोड वाया पुराना शहर) – 1.4 किमी, पठानकोट रोड (पुरानी सब्जी मंडी चौक से पठानकोट चौक) – 2.3 किमी, मॉडल टाउन मेन रोड (गुरु अमरदास चौक से मॉडल टाउन टी-जंक्शन चौक और चुनमुन चौक से मॉडल टाउन टी-जंक्शन चौक, मॉडल टाउन टी-जंक्शन से शिवानी पार्क एग्जिट) – 2 किमी, और नक़ोदर-जालंधर रोड (वडाला चौक से नक़ोदर चौक) – 3.2 किमी शामिल हैं।वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने विदेशों में बसे पंजाबियों द्वारा वहाँ सुव्यवस्थित शहरी बुनियादी ढांचे और पंजाब की सडक़ों की मौजूदा स्थिति में जमीन-आसमान के अंतर की पुष्टि करने का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्व स्तरीय बेहतरीन इंजीनियर और आर्किटेक्ट होने के बावजूद पंजाब ऐसा शहरी ढांचा विकसित करने में पिछड़ गया है।
उन्होंने कहा कि इसका कारण अकाली-भाजपा और कांग्रेस की पिछली सरकारों की दूरदृष्टि और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी रही है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) की अगुवाई वाली पंजाब सरकार की यह पहल भारत में शहरी विकास के लिए एक मिसाल कायम करेगी, जिससे न केवल शहरों का भौतिक परिदृश्य बदलेगा बल्कि नागरिकों के शहरी जीवन के अनुभव को भी परिवर्तित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता, नवाचार और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करते हुए यह परियोजना पंजाब के शहरी बुनियादी ढांचे को विश्व स्तरीय मानकों तक पहुंचाने के लिए आवश्यक सुधार लाने के लिए तैयार है।