नवरात्रि का त्योहार पूरे देश में बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दौरान देवी आदिशक्ति दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। आज से चैत्र नवरात्रि पर्व शुरू हो रहा है और मां आदिशक्ति के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाएगी। नवरात्रि का पहला दिन बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन माता शैलपुत्री की पूजा के बाद घट स्थापना की जाती है। मां शैलपुत्री को धैर्य और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि जो लोग सच्चे मन से मां पूजा करते हैं उनकी सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं और जीवन में खुशियां आती हैं।
नवरात्रि के पहले दिन देवी मां शैलपुत्री की पूजा करने से पहले शुभ मुहूर्त में घट स्थापना करें। इसके बाद विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा करें और अखंड ज्योत जलाएं। इस दौरान मां शैलपुत्री को कुमकुम, सफेद चंदन, सिंदूर, सुपारी, हल्दी, लौंग, नारियल और 16 श्रृंगार सामग्री अर्पित करें। मां शैलपुत्री को सफेद फूल और सफेद मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद मां शैलपुत्री के बीज मंत्रों का जाप करें और अंत में आरती करें। शाम को भी मां शैलपुत्री की आरती करें और लोगों को प्रसाद खिलाएं। मां शैलपुत्री का पसंदीदा रंग सफेद है, इसलिए पूजा के दौरान सफेद खाद्य और पेय पदार्थ जैसे खीर, रसगुल्ला, पतासे आदि का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए मां शैलपुत्री को गाय का घी अर्पित करें। आप गाय के घी से बनी मिठाई भी चढ़ा सकते हैं।